कक्षा 7वीं से 11वीं तक प्रत्येक कक्षा के शीर्ष 8 विद्यार्थियों का किया जाएगा चयन
कैथल, 4 अगस्त। जिला गणित विशेषज्ञ कैथल छत्रपाल ने बताया कि जिले में सोमवार को इंटरनेशनल मैथ ओलंपियाड कोचिंग परीक्षा का सफल आयोजन किया गया। परीक्षा जिले के 6 ब्लॉक मुख्यालय विद्यालयों में एक साथ आयोजित हुई, जिसमें कुल 2,042 विद्यार्थियों ने भाग लिया। परीक्षा दोपहर 1:00 बजे से 2:00 बजे तक आयोजित की गई। परीक्षा संचालन की व्यवस्था में संबंधित विद्यालयों के प्राचार्य परीक्षा अधीक्षक रहे, जबकि खंड शिक्षा अधिकारी सह ब्लॉक रिसोर्स कोऑर्डिनेटर ने ऑब्जर्वर के रूप में जिम्मेदारी निभाई। प्रत्येक ब्लॉक में नियुक्त नोडल गणित अध्यापकों ने परीक्षा प्रक्रिया को सुचारू बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। परीक्षा उपरांत सभी प्रश्न पत्र बीआरसी कार्यालयों में जमा करवा दिए गए।
कल होगी कॉपियों की जांच
जिला गणित विशेषज्ञ कैथल छत्रपाल ने बताया कि 5 अगस्त 2025 को सुबह 9:00 बजे आईएमओ कोचिंग की पूरी टीम बीआरसी कार्यालयों में एकत्र होकर कॉपियों की जांच करेगी। इसी समय सभी नोडल अधिकारियों को आंसर की उपलब्ध करवाई जाएगी। जांच प्रक्रिया के तहत पहले प्रश्न पत्र और आंसर-की का मूल्यांकन व सत्यापन किया जाएगा। यदि सब कुछ सही पाया गया तो मार्किंग शुरू होगी, अन्यथा विसंगतियों को जिला गणित विशेषज्ञ के संज्ञान में लाकर आवश्यक सुधार किए जाएंगे।
टॉप विद्यार्थियों के लिए ओरिएंटेशन और कोचिंग
जिला गणित विशेषज्ञ कैथल छत्रपाल ने बताया कि परीक्षा परिणाम के आधार पर कक्षा 7वीं से 11वीं तक प्रत्येक कक्षा के शीर्ष 8 विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर इस संख्या में वृद्धि की जा सकेगी। चयनित विद्यार्थियों, उनके अभिभावकों, स्कूल प्राचार्यों और आईएमओ टीम के लिए एक ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता अतिरिक्त उपायुक्त कैथल श्री दीपक बाबूलाल करवा करेंगे और जिला शिक्षा अधिकारी डॉक्टर विजय लक्ष्मी स्वयं पूरी रूपरेखा तैयार करेंगे।
कक्षाओं के लिए किया जाएगा समय-निर्धारण
ओरिएंटेशन के बाद प्रत्येक ब्लॉक में चयनित विद्यार्थियों के लिए कक्षाओं का समय-निर्धारण किया जाएगा। सभी कक्षाओं (7वीं से 11वीं) के लिए एक समान सिलेबस तैयार किया जाएगा तथा प्रतिमास परीक्षण के माध्यम से विद्यार्थियों का मूल्यांकन किया जाएगा। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी श्री छत्रपाल जिला गणित विशेषज्ञ कैथल रहेंगे।

