कैथल। जिस तिरंगे की रक्षा और सम्मान के लिए देश के हजारों जांबाज योद्धाओं ने अपने प्राणों की आहुति दे दी उसी तिरंगे को यहां नगर परिषद ने अपमानित किया। एक ओर 15 अगस्त को जहां पूरा देश आजादी के जश्न में डूबा था वहीं नगर परिषद भवन के ऊपर फटा हुआ तिरंगा लहराता रहा। 15 अगस्त को जिला स्तरीय कार्यक्रम में पहुंचे शिक्षा मंत्री
महिपाल ढांडा भी नगर परिषद भवन के करीब शहीद स्मारक पर गए और शहीदों को श्रद्धांजलि दी लेकिन उनका भी ध्यान इस फटे हुए तिरंगे की ओर नहीं गया। ऐसा नहीं है कि यह झंडा आज ही फटा हो या एक दिन में फट गया हो, इस तिरंगे के निचले हिस्से में हरे रंग की फटी हुई पट्टी इस बात की गवाही दे रही थी कि नगर परिषद ने उसका कितना
अपमान किया है। नगर परिषद की चेयरपर्सन सुरभि गर्ग, डीएमसी दीपक बाबूलाल करवा, ईओ दीपक कुमार, सचिव भानू शर्मा तथा अन्य अधिकारी व कर्मचारी हर रोज नगर परिषद कार्यालय में आते हैं लेकिन किसी का भी ध्यान इस ओर नहीं गया कि उनके भवन पर एक फटा हुआ तिरंगा लहरा रहा है। इसे लापरवाही या अज्ञानता का नाम नहीं दिया जा सकता। तिरंगे का सम्मान करना उसकी रक्षा करना हर देशवासी का कर्तव्य है लेकिन यहां हालात कुछ और हैं। आपको
बताते चलें की यदि कोई व्यक्ति अपने भवन पर फटा हुआ तिरंगा लहराता है तो उसके खिलाफ राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम 1971 की धारा 2 के तहत एफआईआर दर्ज हो सकती है जिसमें 3 साल तक की कैद और जुर्माने
का प्रावधान है। ज्ञात रहे कि 12 से 14 अगस्त तक यहां लगातार तीन दिन तिरंगा यात्राएं निकाली गई थी। ये सभी यात्राएं नगर परिषद कार्यालय से ही शुरू हुई थीं। एक तरफ तिरंगा यात्राएं निकाली गई और दूसरी तरफ किसी भी नेता या नगर परिषद के अधिकारियोंं ने इस बात पर गौर नहीं किया कि नप भवन पर लगा तिरंगा फटा हुआ है।
यह बात मेरे ध्यान में नहीं थी
इस बारे में नगर परिषद की चेयरपर्सन से बात करनी चाही तो उन्होंने फोन काट दिया। नप के ईओ दीपक कुमार से बात कर गई तो उन्होंने कहा कि यह बात मेरे ध्यान में नहीं थी। जैसे ही मुझे मीडिया के माध्यम से फटे हुए झंडे के बारे में पता चला तो मैंने तुरंत झंडा बदलवा दिया था।

