कैथल । एनआईआईएलएम विश्वविद्यालय कैथल में जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन विभाग द्वारा विश्व फोटोग्राफी दिवस के अवसर पर फोटोग्राफी कंपटीशन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वशिष्ठ अथिति ने कहा कि फोटोग्राफी दिवस का उद्देश्य फोटोग्राफी की कला को सम्मान देना और इसके माध्यम से जीवन के अनमोल पलों को संजोने के महत्व को
समझाना है। फोटोग्राफी केवल तस्वीर खींचने का नाम नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी कला है जो भावनाओं, संस्कृतियों और इतिहास को आने वाली पीढिय़ों तक पहुंचाती है। एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है। जब हम किसी पुरानी तस्वीर को देखते हैं तो वह हमें अतीत की यादों से जोड़ देती है। विश्वविद्यालय के दाखिला निदेशक राजेंद्र गोयत ने कहा कि आज
से लगभग 180 साल पहले जब कैमरे का आविष्कार हुआ था तब तस्वीरें केवल ब्लैक एंड व्हाइट में मिलती थीं। समय के साथ रंगीन फोटोग्राफी आई और आज हम डिजिटल युग में हैं जहां मोबाइल फोन तक में बेहतरीन कैमरे मौजूद हैं। विभाग अध्यक्ष डॉ मनोज कुमार ने कहा कि फोटोग्राफी केवल तकनीक नहीं है बल्कि इसमें संवेदनाओं को पकडऩे की
क्षमता होनी चाहिए। एक अच्छा फोटोग्राफर वही है जो कैमरे की नजर से कहानी कह सके, लोगों की भावनाओं और प्रकृति की खूबसूरती को तस्वीरों में उतार सके। इस अवसर पर एक फोटोग्राफी कंपटीशन का आयोजन किया गया जिसमें अंजू प्रथम, प्रवीण द्वितीय, महक ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। सभी विजेता छात्रों को आए हुए अतिथियों द्वारा सम्मानित
किया गया। इस अवसर पर डीन ऑफ सोशल साइंस एंड हमुनीटीज डॉ एकता चहल, डॉ. रविंद्र पांडे, डॉ. महेंद्र मुंडे, डॉ अनिल कुमार, चीफ एडमिन कप्तान अनिल कुमार, प्राध्यापक श्रवण कुमार एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

