कैथल । नई तकनीक ने जीवन जीना तो सरल कर दिया है लेकिन लाइफ स्टाइल में शामिल होकर बीमार बना रही है। फैशन और सिम्बल स्टेट्स के बीच मोबाइल के बगैर जीवन संभव नहीं रह गया है। लेकिन इसके खतरे बचने के लिए कम से कम बातें करें तो स्वास्थ्य के लिए बेहतर है। श्री योगा वेदांत समिति जींद की तरफ मुख्य वक्ता अलोक और उनकी टीम
ने गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक शेरगढ़ में बताया कि मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडिएशन हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रही है। मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन्स में थर्मल और मैग्नेटिक रेडिएशन मुख्य होता है। थर्मल रेडिएशन शरीर में गर्मी को बढ़ीती है, जिससे मस्तिक और दिल के सेल्स ज्यादा गति से चलते हैं। मोबाइल रेडिएशन बच्चों को
हाइपरएक्टिव बना देती है, जो मानसिक और भावनात्मक असर डालती है। मोबाइल फोन के अत्यधिक इस्तेमाल से कोशिकाओं में तनाव पैदा होता है। इसके कारण कैंसर का खतरा होता है। उन्होंने बताया कि मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से युवाओं में बहरेपन की भी समस्या आ रही है। मोबाइल फोन से उचित दूरी बनाकर केवल रचनात्मक कार्यों के लिए
उसका उपयोग, नशीली वस्तुओं से दूरी एवं ब्रह्मचार्य व्रत का पालन करके विद्यार्थी कोई भी लक्ष्य प्राप्त कर सकता है। इस कार्यक्रम का आयोजन प्रधानाचार्य कुलवीर सिंह अहलावत के मार्गदर्शन में हुआ। सत्यवान ढाका विभाग अध्यक्ष एप्लाइड साइंस विभाग ने इस कार्यक्रम का संचालन किया। यह जानकारी संस्थान के मीडिया इंचार्ज सोहन शर्मा ने दी।

