कैथल । गुहला चीका क्षेत्र में भी घग्गर नदी का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है। कल तक गुहला में जो पानी तकरीबन 46342 हजार क्यूसिक था वह आज बढक़र तकरीबन 48534 हजार क्यूसिक तक पहुंच चुका है। गुहला चीका में घग्गर के साथ लगते गांवों अजीत नगर भूसला, सिहाली, रत्ताखेड़ा, मंझहेड़ी, मैगड़ा, बुडऩपुर, भागल, चीका,
सदरहेड़ी, टटियाना, माजरी दाबा, चाबा, खंबेड़ा, रता खेड़ा धड़ाम, पपराला आदि के किसान एकत्र हुए। किसानों ने भाकियू चढूनी प्रदेश उपाध्यक्ष चमकौर बनेड़ा, जिला उपाध्यक्ष केवल सदरहेडी, आईटी सैल प्रभारी जरनैल जैली, युवा महासचिव लखविंदर उर्फ किंद्र, मास्टर सुभाष भागल, पाला भागल के नेतृत्व में लगभग 200 किसानों ने इक_े होकर
सरकार व प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी किसान गुरजंट टटियाना, संदीप दाबा, मनजीत अजीत नगर, गुरबख्श सिंह अजीत नगर भूसला, गुरलाल सरोला, सुरजीत दाबा सैम्पी सरोला, जगसीर दाबा, जगतार खंबेड़ा, मुख्तियार खंबेड़ा ने कहा कि यहां 48 साइफन हैं जिसमें से एक से भी पूरी तरह से मिट्टी नहीं निकाली गई। सफाई के नाम पर
खानापूर्ति की गई जिससे बारिश में पानी का बहाव बाधित होता है। इसके चलते गांवों में एकबार फिर बाढ़ की आंशका है। उन्होंने कहा कि सरोला साइफन की वजह से हरियाणा पंजाब सैकड़ों गांव के खेतों में में घग्गर नदी का पानी घुस गया है जिसको लेकर किसानों ने कहा कि सरोला साइफन की सफाई करवाई जाए और लोगों को घग्गर नदी के पानी से राहत मिल सके।

