ऐलान सरकार ने किया एक करोड़ की सहायता राशि, सरकारी नौकरी देने का
कैथल, 10 सितंबर । जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए गांव रोहेड़ा निवासी नरेंद्र सिंधू का बुधवार का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। जब उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो पूरा माहौल गमगीन हो उठा और हजारों आंखें नम हो गईं। गांव की गलियों से लेकर अंतिम यात्रा स्थल तक
लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। सेना और पुलिस के जवानों ने शहीद नरेंद्र सिंधू को गार्ड ऑफ ऑनर देकर श्रद्धांजलि दी। तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को देख हर किसी की आंखें भर आईं। शहीद नरेंद्र सिंह सिंधु के चचेरे भाई रोहतास ने उन्हें मुखाग्नि दी। नेताओं और अधिकारियों ने कहा कि नरेंद्र सिंधू का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और उनका नाम सदैव अमर
रहेगा। शहीद की माता रोशनी देवी, पिता दनबीर सिंह, बहन ऊषा व पूनम ने कहा कि नरेंद्र ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। यह दुख की घड़ी जरूर है, लेकिन गर्व भी है कि उनका लाडला देश की रक्षा करते हुए शहीद हुआ। नरेंद्र के मामा पूर्व सैनिक आजाद सिंह ने बताया ने बताया कि 28 वर्षीय नरेंद्र सिंह सिंधु तीन राज राइफल के
जांबाज सैनिक थे। वर्ष 2017 में राज राइफल दिल्ली भर्ती हुए थे। इसके बाद करीब चार साल पहले ही उनकी तैनाती राष्ट्रीय राइफल श्रीनगर में हुई थी। सेना के अधिकारी कर्नल ओपी शर्मा ने कहा कि उन्हें नरेन्द्र सिंधू की शहादत पर गर्व है। भारत में ऐसे जांबाजों की कमी नहीं है जो देश पर कुर्बान होने को तत्पर रहते हैं। सेना के अधिकारी एलए सिंघा ने नरेंद्र के पिता को तिरंगा भेंट किया।
राज्य सरकार ने किया एक करोड़ की सहायता राशि, सरकारी नौकरी देने का ऐलान
एसडीएम अजय कुमार ने बताया कि हरियाणा सरकार ने शहीद परिवार के लिए एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और गांव के सरकारी स्कूल का नाम शहीद नरेंद्र सिंधू के नाम पर करने की
घोषणा की है। प्रशासनिक अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं ने भी शहीद परिवार को सांत्वना दी और हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया। कलायत के विधायक विकास सहारण, भाजपा जिला अध्यक्ष ज्योति सैनी, डीएसपी सुशील
प्रकाश, कांग्रेस जिला अध्यक्ष रामचंद्र गुज्जर, किसान नेता महावीर चहल, पूर्व सैनिक जगजीत फौजी, नायब तहसीलदार सुरेश कुमार, सुरेश संधू, मनीष शर्मा सहित हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे।

