इस्कॉन प्रचार समिति कैथल द्वारा 18वीं श्रीमद् भागवत कथा शुरू
कैथल । इस्कॉन प्रचार समिति कैथल द्वारा आयोजित 18वीं श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस की कथा आरंभ करते हुए कथा व्यास श्रीमन साक्षी गोपाल दास ने कहा कि कथा में आये हुए सभी भक्त बहुत ही भाग्यशाली हैं कि उन्हें भगवान के नाम, रूप, गुण व लीलाओं का रसास्वादन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि श्रीमद् भागवत में भगवान के 24 अवतारों का वर्णन है। वेदव्यास जी भागवत में लिखते हैं कि ये जो 24 अवतार हैं ये सभी या तो भगवान के अंश हैं या उन अंश की कलाएं हैं। अगर पूरी सृष्टि में कोई भगवान हैं तो
वे केवल भगवान श्री कृष्ण हैं। हमें केवल भगवान की भक्ति करनी चाहिए क्योंकि केवल भगवान की भक्ति के द्वारा ही भगवान को प्राप्त किया जा सकता है। भगवान के श्री मुख से निकली दो गीता हैं। एक उद्धव गीता जोकि भागवत है और दूसरी भगवत गीता जिसमें अर्जुन को उपदेश दिया। दोनों ही भगवान श्री कृष्ण के श्रीमुख से प्रकट हुई हैं। उन्होंने बताया कि
गीता और भागवत को ही संसार में कृष्ण कथा कहते हैं। श्रीमद भागवत ग्रंथ और भगवान का शुद्ध भक्त भागवत पुरुष है। ये दोनों ही भागवत हैं। मनुष्य को इन दोनों की सेवा करने मात्र से सब प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। जो इस भागवत कथा को सुनता है उसका अमंगल दूर हो जाता है। श्रीमद् भगवत गीता के 10वें अध्याय के 8, 9, 10, 11 शलोक में
भगवान स्वयं इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस सम्पूर्ण सृष्टि की सरंचना, इस का पालन और इस का संहार करने वाला मैं ही हूं। प्रेस सचिव भारत मदान ने बताया कि कथा में प्रथम दिवस शहर के जाने माने डॉ डीपी गुप्ता, वरिष्ठ एडवोकेट मनदीप सिंह, विनोद भल्ला, डॉ पवन थरेजा ने संपूर्ण कथा का श्रवण किया और तत्पश्चात भगवान की आरती उतारी। कथा स्थल पर दीपक अग्रवाल, राज गुलाटी, आशीष गर्ग, नीरज गर्ग, संजय वाही, अमित गर्ग, श्याम लाल वर्मा, संजीव धीमान, विजय शर्मा, सतीश शर्मा, यशपाल धीमान व समिति के अन्य सभी सदस्य मौजूद थे।

