कैथल । श्री गीता भवन मंदिर में एक विशेष संकीर्तन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कैलाश भगत की धर्मपत्नी रानी भगत एवं चेयरपर्सन सुरभि गर्ग ने स्वामी ज्ञानानंद का स्वागत किया। स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि कैथल का संबंध रामायण काल से भी जुड़ा हुआ है। यह भूमि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से सदैव
समृद्ध रही है। उन्होंने कहा कि भगवद्गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि यह जीवन के हर पहलू में मार्गदर्शन देने वाला प्रेरणास्रोत है। विशेषकर उन्होंने गीता के युद्धभूमि में अर्जुन को दिए गए उपदेशों की व्याख्या करते हुए कहा कि कुछ लोग यह भ्रामक धारणा रखते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण ने गीता सुनाकर अर्जुन को युद्ध के लिए उकसाया। स्वामी जी ने
स्पष्ट किया कि यह विचार अविवेकपूर्ण है। युद्ध होना ही था, परिस्थिति ऐसी थी कि कौरवों ने पांडवों पर युद्ध थोप दिया था। उस समय अर्जुन एक सैनिक की भूमिका में था और उसका कर्तव्य बनता था कि वह युद्ध के लिए तैयार हो। भगवान श्रीकृष्ण ने एक सच्चे कमांडर और श्रेष्ठ आचार्य की भूमिका निभाते हुए अर्जुन को उसके धर्म और कर्तव्य की याद दिलाई।
इस अवसर पर संजय गर्ग, अश्वनी खुराना, सुजीत कपूर, सुषम कपूर, रजत थरेजा, अजय भंजाना, गुलशन पपरेजा, सुनील खुराना, शरद बंसल, सुरेन्द्र खोखरी, मदनलाल कटारिया, डॉ. विकास गुप्ता चेयरमैन मेडिकल जीओ गीता, डॉ. पंकज रविश, डॉ. संजीव थरेजा, डॉ. पवन थरेजा, डॉ. मुकेश अग्रवाल, डॉ. प्रदीप शर्मा, डॉ. वार्णिक थरेजा, डॉ. रवि
सैनी, डॉ. श्याम सरदाना, डा. सुभाष जिंदल, डा. राजेन्द्र ठुकराल, डा. मुकेश अग्रवाल, डॉ. पीयूष गर्ग, डा. अग्निव्रत पाराशर, डा. श्याम सरदाना, डा. जयंती शर्मा, डा. रवि कुमार, डा. तरसेम ने भी इस आयोजन में सहयोग दिया।

