कैथल । भारतीय किसान मजदूर यूनियन कमेरा वर्ग के सदस्त गांव प्योदा में जिला सलाहकार सुंदर गिल के निवास पर पहुंच और बैठक की। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष महाबीर चहल ने कहा कि मंडियों में धान तो आयी हुई है लेकिन उसका किसानों को जायज़ रेट नहीं मिल रहा। चहल ने कहा कि कैथल मंडी में 1509 धान 2700-3000 रुपये प्रति क्विंटल ही
बिका। किसानों का कहना है कि यही धान शुरुआत में 3200 रुपये तक बिक रहा था। युवा प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र मागो माजरी व जिला अध्यक्ष बलकार मलिक ने कहा कि बाढ़ की मार के बाद अब जो शेष धान किसानों की बची है उस फसल का रेट भी कम मिल रहा है। इस कारण से उन्हें दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। दूसरी और आढ़ति भी किसानों को
परेशान कर रहे हैं। जब सरकार ने डिजिटल कांटों के आदेश जारी कर रखे हैं तो आढ़तियों को क्या समस्या है। या तो आढ़ति डिजिटल कांटों का प्रयोग करें नहीं तो मजबूरन आढ़तियों का भी विरोध करना किसानों की मजबूरी होगी। अब अनाज मंडी में धीरे धीरे धान की आवक तेज होने लगी है। मंडी में धान की 1509 किस्म की आवक के बाद अब पीआर
धान की आवक भी तेजी पर है। वहीं दूसरी तरफ़ प्रशासन का ध्यान किसानों की धान को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिकवाने की बजाय जो पराली जलाने के मामले में किसानों को जेल भेजने और उनके ऊपर भारी जुर्माना लगाने पर ज़्यादा है। कृष्ण मालखेड़ी ने कहा कि पीआर धान सरकार के आदेश के बाद भी ओने पौने दामों पर बेचनी पड़ रही है और
किसानों को आर्थिक नुक़सान हो रहा है। इस मौके पर सुखदेव चहल, जोगिंदर कैलरम, लक्ष्य मौन, विकास चहल, अमन दलाल, डीसी चहल, जोरा भेनीमाजरा आदि किसान मौजूद रहे।

