श्री गीता भवन मंदिर में इस्कॉन द्वारा आयोजित भागवत कथा का दूसरा दिन
कैथल । श्री गीता भवन मंदिर में इस्कॉन द्वारा आयोजित द्वितीय दिवस की भागवत कथा का प्रारंभ करते हुए कथा व्यास श्रीमन साक्षी गोपाल दास ने बताया कि इस सांसारिक भव बंधन से मुक्त होने के लिए भगवान की भक्ति रूपी तपस्या ही उठानी पड़ेगी। कलयुग में कोई अन्य तपस्या संभव नहीं है। कलयुग में केवल भगवान का नाम ही है जिसके द्वारा हम इस सांसारिक बंधन से मुक्त हो सकते हैं। केवल भगवान का नाम ही हमें इस माया के जाल से छुड़ा सकता है। उन्होंने बताया कि शुद्ध वैष्णव भक्तों का संघ मनुष्य के लिए बहुत जरूरी है।
जो असली साधु है, जो भगवान का सच्चा भक्त है, जिनकी कृपा से भगवान मिलते हैं उनके यही लक्षण हैं कि उनकी जिव्हा हर समय भगवान के सुंदर नाम, रूप, गुण व लीलाओं के गुणगान में लगी रहती है। लेकिन मन पर नियंत्रण करना इतना आसान कार्य नहीं है। अपने मन को वश में करना हवा को वश में करने से भी कठिन कार्य है। जो मनुष्य ज्ञान के द्वारा अपने मन को नियंत्रण में करने का प्रयास कर रहे हैं उन्हें अर्जुन से सबक सिखाना चाहिए। जब कोई भक्त अपने भगवान से अपनी भक्ति के बदले कुछ नहीं मांगता तो भगवान ऋणी हो
जाते हैं लेकिन जब वह अपनी भक्ति के बदले कुछ मांग लेता है तो भगवान उसे वह प्रदान करके मुक्त हो जाते हैं। जो मनुष्य सच्चे अर्थों में भगवान का भजन करेगा उसके जीवन में किसी भी प्रकार का अभाव आने वाला नहीं है। प्रेस सचिव भारत मदान ने बताया कि उनके श्री मुख से निकले ठाकुर जी के मीठे मीठे भजनों पर भक्तों ने नृत्य कर ठाकुर जी को रिझाने
का प्रयास किया। कथा के यजमान कैथल शहर के जाने माने वरिष्ठ एडवोकेट मनदीप सिंह और समिति के प्रधान दीपक अग्रवाल ने ज्योति प्रचंड की। भागवत कथा का श्रवण करने के पश्चात भगवान श्री ठाकुर जी की आरती उतारी। कथा के समापन पर सभी भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। कथा स्थल पर इस्कॉन समिति के राज गुलाटी, राम निवास, आशीष गर्ग, नीरज गर्ग, अमित गर्ग, संजय वाही, संजीव शर्मा, मोनू गोयल, हरि दर्शन, विजय शर्मा, विनय तनेजा, पंजक शर्मा व अन्य सभी सदस्य मौजूद थे।

