कैथल, 26 सितंबर। डीसी प्रीति ने कहा कि आईआईएम जैसे संस्थान में पढ़ रहे विद्यार्थी शिक्षा, स्वास्थ्य, एमएसएमई जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्टार्टअप आइडिया से देश के विकास में योगदान दें। सरकार द्वारा चलाई जा रही स्टार्ट अप इंडिया जैसी योजनाओं की सहायता से विद्यार्थी अपने आइडिया को विकसित करें और आम जन-जीवन में सुधार की दिशा में
काम करें तो निश्चित तौर पर देश के विकास में अहम योगदान दे पाएंगे। कैथल जिले में पराली प्रबंधन के क्षेत्र में काम कर रहे एमएसएमई जैसे छोटे व्यवसायों का अध्ययन कर वे बड़े उद्योगों के लिए किस तरह से ईंधन तैयार हो सकता है, इसकी जानकारी जुटा सकते हैं। जो भविष्य में परंपरागत ईंधन के साधनों का विकल्प बन सकता है।
डीसी प्रीति शुक्रवार सुबह लघु सचिवालय स्थित सभागार में भारतीय प्रबंधन संस्थान(आईआईएम), रोहतक से आए 14 विद्यार्थियों के समूह से बातचीत कर रहीं थीं। ये विद्यार्थी सोमवार से कैथल के भ्रमण पर हैं। इन्होंने कैथल में एमएसएमई, ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर, शहर में यातायात व्यवस्था सहित जिले के सामाजिक एवं आर्थिक परिवेश का अध्ययन किया।
बच्चों ने डीसी प्रीति के साथ अपने अनुभव भी साझा किए। अपने संदेश में डीसी प्रीति ने कहा कि इस तरह के भ्रमण से बच्चों को काफी कुछ सीखने को मिलता है। डाटा तो उन्हें ऑनलाइन अधिकृत साइट से मिल ही जाता है, लेकिन लोगों से बातचीत कर जो अनुभव मिलता है, वह सीख ताउम्र काम आती है। कृषि आधारित कैथल जिले का भ्रमण कर बच्चों ने जो सीखा है, उसे वे अपनी पढ़ाई में प्रयोग कर सकते हैं कि कैसे छोटे शहरों में एमएसएमई, यातायात व्यवस्था, विकसित
होते ग्रामीण परिवेश में लोगों की दिनचर्या रहती है। उन्होंने कहा कि आईआईएम जैसे संस्थान में पढ़ते हुए न केवल इस तरह की योजनाबद्ध भ्रमण बल्कि विद्यार्थी अचानक भी लघु उद्योगों का भ्रमण करें। पता लगाएं कि पराली प्रबंधन कर रहे छोटे उद्योगों को बीमा, बैंकिंग संबंधी क्या परेशानियां हैं और वे कैसे अर्थव्यवस्था को मजबूत करने कीदिशा में काम कर
रहे हैं। उनकी मदद के लिए सरकार द्वारा जो योजनाएं चलाई जा रही हैं, इन योजनाओं से कैसे देश आगे बढ़ रहा है। डीसी प्रीति ने कहा कि कैथल सहित हरियाणा के गांव तेजी से विकसित हो रहे हैं। जिसका बड़ा कारण यहां दिल्ली, चंडीगढ़, गुरुग्राम जैसे बड़े शहरों तक आसान यातायात सुविधाएं, सड़क मार्ग भी हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को भावी जीवन की शुभकामनाएं दीं।
वहीं बच्चों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि कैथल के भ्रमण से उन्हें अनुभव हुआ है कि हरियाणा के गांव अन्य राज्यों की तुलना में अधिक विकसित हैं। यहां साफ-सफाई पर विशेष ध्यान हैं। स्कूलों में स्मार्ट क्लास जैसी सुविधाएं हैं। साथ ही स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं भी काफी अच्छी हैं। बच्चों ने यह भी कहा कि यहां एमएसएमई के माध्यम से लोग अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहे हैं। मुख्य रूप से लोगों का व्यवहार काफी अच्छा रहा।
लड़की होने के बावजूद नहीं आई कोई परेशानी-बेंगलुरु से आई सीजल ने कहा कि उन्हें काफी अच्छा लगा कि वह एक लड़की होने के बावजूद गांव में भ्रमण करने गई। लोगों से बातचीत की। यहां बेटियों की सुरक्षा संबंधी कोई परेशानी नजर नहीं आई। लोग काफी सकारात्मक रुख से मिले और स्वागत किया। इसी प्रकार से अन्य विद्यार्थियों ने कहा कि यहां भ्रमण
में न केवल लोगों से बातचीत की, बल्कि महिलाओं व लड़कियों ने भी खुलकर उनके सवालों के जवाब दिए। यहां लोग काफी सहयोगी हैं और उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। अधिकारियों, ओहदेदारों के साथ-साथ आमजन से बातचीत का अवसर मिला और काफी कुछ सीखने को मिला। यहां के गांव काफी विकसित हैं। महिलाएं भी काफी सशक्त स्थिति में हैं। गांवों में लाइब्रेरी होना यहां काफी अनुभव रहा।
सीईओ जिला परिषद ने कहा कि डीसी प्रीति के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों के भ्रमण के दौरान प्रयास किया गया कि किसी तरह की परेशानी न हो। उन्होंने मार्गदर्शन के लिए डीसी का आभार जताया। वहीं बच्चों ने डीसी को स्मृति चिन्ह देकर आभार भी प्रकट किया।
इस मौके पर भारतीय प्रबंधन संस्थान(आईआईएम), रोहत्तक से कोर्डिनेटर उत्तम के नेतृत्व में तमिलनाडु की पवित्रा, पश्चिम बंगाल की इशिका व मुस्कान, मध्य प्रदेश की महक व शिवानी, तेलंगाना की दिव्या, जम्मू के चितवन, अहमदाबाद से वत्सल, बिहार से मलिका, गुजरात से दीप, कर्नाटक से सेजल, महाराष्ट्र से अनूज, राजस्थान से नरेश, बिहार से दिवांशु शामिल रही। इस अवसर पर डीआईपीआरओ नसीब सैनी, मनोज कुमार आदि मौजूद रहे।

