Sunday, December 7, 2025
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Homeहरियाणा प्रदेशकैथलआस्था और परंपरा का संगम भाई दूज का त्यौहार 

आस्था और परंपरा का संगम भाई दूज का त्यौहार 

कैथल । जिले भर में भाई दूज का पर्व अपार श्रद्धा, उत्साह और भक्ति भाव के साथ मनाया गया। बहनों ने विधिवत पूजा-अर्चना कर अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाया और उनकी दीर्घायु, सुख-समृद्धि एवं मंगलमय जीवन की कामना की। इसके बदले में भाइयों ने भी प्रेमपूर्वक बहनों को उपहार भेंट कर अपने स्नेह का इज़हार किया और उनकी रक्षा का वचन

दिया। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन यमुना ने अपने भाई यमराज को स्नेहपूर्वक आमंत्रित कर सत्कार सहित भोजन कराया था। यमराज ने प्रसन्न होकर यह वरदान दिया कि जो व्यक्ति इस दिन यमुना में स्नान कर यम का पूजन करेगा, उसे मृत्यु के पश्चात यमलोक नहीं जाना पड़ेगा। तभी से यह पर्व ‘यम द्वितीया’ के नाम से प्रसिद्ध

हुआ। इस अवसर पर बहनें अपने भाई की दीर्घायु और सुखमय जीवन के लिए यमराज से प्रार्थना करती हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन यम की पूजा एवं बहन के हाथों तिलक ग्रहण करने से धन, यश और आयु की प्राप्ति होती है। भाई दूज का यह पर्व न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि यह समाज में आपसी प्रेम, भाईचारे और

एकता के संदेश को भी प्रबल करता है। जिला मुख्यालय और आसपास के गांवों में बहनों और भाइयों ने बड़े हर्षोल्लास से यह पर्व मनाते हुए इसके ऐतिहासिक महत्व और सामाजिक एकता के भाव को साझा किया।

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