पुरानी पेंशन बहाल ना करने पर होगा बड़ा आंदोलन विजेन्द्र धारीवाल का कहना है
कैथल । पेंशन बहाली संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष और एनएमओपीएस के राष्ट्रीय मुख्य संगठन सचिव विजेन्द्र धारीवाल का कहना है कि यूपीएस पूरी तरह फेल हो गई है। केंद्र सरकार के कर्मियों ने इस पेंशन योजना को नकार दिया है। कर्मचारियों की एक ही मांग है कि सरकार पुरानी पेंशन योजना बहाल करे। एनपीएस में शामिल कर्मियों को पहली
अप्रैल 2025 से 30 जून 2025 तक यूपीएस में शामिल होने का विकल्प देना था। इस अवधि में केंद्र के चौबीस लाख कर्मियों में से 31,555 कर्मचारियों ने ही यूपीएस का विकल्प चुना। इसके बाद सरकार ने यूपीएस के प्रति कर्मियों की उदासीनता को देखते हुए विकल्प चुनने की अंतिम तिथि को पहले 30 सितंबर और बाद में 30 नवंबर तक बढ़ा दिया था।
अब 14 अक्तूबर तक 97 हजार कर्मचारियों ने ही यूपीएस का विकल्प चुना है। विजेन्द्र धारीवाल ने बताया कि सरकार के इतने प्रयास और प्रचार के बावजूद अभी तक महज तीन फीसदी कर्मियों ने ही यूपीएस का विकल्प चुना है। हम केंद्र और राज्य सरकार से अपील कर रहे हैं कि यूपीएस की बजाए पुरानी पेंशन बहाल की जाए। धारीवाल ने एनपीएस और यूपीएस
की आलोचना करते हुए कहा कि ये दोनों योजना, विनाशकारी हैं। एनपीएस के दायरे में आने वाले 97 फीसदी से अधिक कर्मचारियों ने यूपीएस को अस्वीकार कर दिया है। धारीवाल ने कहा कि यूपीएस की घोषणा से यह भी स्पष्ट हो गया है कि सरकार स्वयं मान चुकी है कि एनपीएस कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा को पूरा नहीं करती है। उन्होंने कहा कि हमारी
मुख्यमंत्री से मांग है कि पूर्व में गठित कमेटी के साथ वार्ता का दौर फिर से शुरू किया जाए और कर्मचारी हित में पुरानी पेंशन नीति को बहाल किया जाए अन्यथा प्रदेश का कर्मचारी बड़े आंदोलन की राह जाने को मजबूर होगा।

