कैथल । सहकारी चीनी मिल कैथल के प्रबंध निदेशक कृष्ण कुमार ने किसान गोष्ठी में किसानों से शरद्कालीन गन्ना बीजाई अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सिंगल बढ़ विधि और 4 फीट लाइन से लाइन की दूरी रखकर अन्तवर्ती फसलें सरसों, मेथी, मटर, चना, मसरी, लहसुन और गेहूं उगाने से किसान न केवल गन्ने की पैदावार बढ़ा सकते
हैं, बल्कि अपनी आय को डेढ़ से दोगुना तक बढ़ा सकते हैं। कृष्ण कुमार ने बताया कि सिंगल बढ़ विधि से बीज का फफूंदनाशी उपचार आसानी से किया जा सकता है और यह विधि पछेती बीजाई की तुलना में अधिक लाभदायक है। उन्होंने कहा कि आज खेती में नई तकनीकों को अपनाना समय की मांग है, पुरानी पद्धतियां अब कारगर नहीं रहीं।
उन्होंने किसानों से अपील की कि वे आधा एकड़ से एक एकड़ तक प्राकृतिक खेती अवश्य अपनाएं जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़े और पर्यावरण संरक्षण हो सके। गोष्ठी में मन्ना प्रबन्धक रामपाल ने किसानों को मिल की ओर से दी जा रही सुविधाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मिल द्वारा अगेती किस्मों के गन्ने का ब्याजमुक्त बीज, मिट्टी उपचार के लिए
ब्याजमुक्त कीटनाशी और बीजोपचार मशीनें निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं। फतेहपुर के किसान गुरनाम सिंह ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्होंने पिछले साल 5 एकड़ में सरसों के साथ शरद्कालीन गन्ना बीजाई की थी जिससे उन्हें भारी लाभ हुआ। प्रगतिशील किसान अश्वनी कुमार ने कहा कि इस सीजन में पान की पैदावार कम होने से
किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है, जिसे गन्ना खेती से पूरा किया जा सकता है। वहीं किसान रोशन लाल ने बताया कि वे इस बार 20 एकड़ में शरद्कालीन गन्ना बीजाई करेंगे।

