कैथल, । डीसी प्रीति ने कहा कि सरकार के निर्देशानुसार जिले में राइस मिलों में धान के स्टॉक की फिजिकल वेरिफिकेशन करवाई जा रही है। सभी टीमें इसे गंभीरता से लें और गहनता से जांच करें। सत्यापन प्रक्रिया केवल भौतिक निरीक्षण तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसमें तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाए। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।
डीसी प्रीति मंगलवार को लघु सचिवालय स्थित वीडियो कांफ्रेंस रूम में अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दे रहीं थीं। इससे पहले चंडीगढ़ से मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण गुप्ता ने उपायुक्तों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की, जिसमें धान खरीद प्रक्रिया और मिलों के भौतिक सत्यापन को लेकर कड़े और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि सरकार धान खरीद में किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं करेगी।
डीसी प्रीति ने मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव को अवगत करवाया कि एसडीएम की अध्यक्षता में गठित टीमों द्वारा राइस मिलों की फिजिकल वेरिफिकेशन की जा रही है। साथ ही किसानों के डेटा को खरीद रिकॉर्ड के साथ मैच किया रहा है। विशेष रूप से संदेहास्पद मिलों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इन मिलों की जांच और सत्यापन प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।
उन्होंने जिले के अधिकारियों को निर्देश दिए कि भौतिक सत्यापन में तकनीक का प्रयोग करते हुए गुणवत्तायुक्त रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि यदि जांच में कहीं भी कोई कमी या अनियमितता पाई जाती है, तो नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, उन्होंने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि कार्रवाई निष्पक्ष हो। कोई निर्दोष फसाना नहीं चाहिए और गलत आदमी को बख्शा नहीं जाए। इस अवसर पर एसडीएम अजय सिंह, डीएफएसई निशांत राठी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

