ढांड, 26 नवंबर। संविधान दिवस के उपलक्ष्य में नई अनाज मंडी, ढांड में हैफेड के पूर्व डायरेक्टर एवं समाजसेवी रामचंद्र जडौला ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे केवल भारतीय संविधान के शिल्पकार ही नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन के सबसे बड़े योद्धाओं में से एक थे। उनके विचारों और संघर्षों
ने भारतीय समाज को एक नई दिशा दी और करोड़ों लोगों के जीवन में आशा की किरण जगाई। रामचंद्र जडौला ने कहा कि बाबा साहेब ने लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए समानता, न्याय, स्वतंत्रता और बंधुत्व जैसे मूल स्तंभों की नींव रखी, जिन्हें आज भी भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की सबसे बड़ी ताकत माना जाता है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान ,
दुनिया के सबसे विस्तृत, जीवंत और आधुनिक संविधानों में अग्रणी है। यह विविधताओं से भरे भारत को एक सूत्र में पिरोकर देश को एकता, समरसता और समान अधिकारों की गारंटी प्रदान करता है। संविधान हर नागरिक को यह भरोसा देता है कि वह धर्म, जाति, भाषा और क्षेत्र से ऊपर उठकर समान अवसरों के साथ आगे बढ़ सकता है। समाजसेवी ,
जडौला ने कहा कि बाबा साहेब करोड़ों भारतीयों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उनका जीवन संघर्ष केवल इतिहास नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता और न्याय का जीवंत संदेश है। समाज के कमजोर वर्गों को अधिकार दिलाने और उन्हें मुख्यधारा से जोडऩे में डॉ. अंबेडकर की भूमिका बेजोड़ है। उन्होंने संविधान की महत्ता, उसकी विरासत और लोकतंत्र में इसकी केंद्रीय
भूमिका के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि आज प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह संविधान की गरिमा, उसकी स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक ढांचे को सुरक्षित रखने के लिए आगे आए। पूर्व हैफेड रामचंद्र जडौला ने युवाओं से विशेष रूप से आह्वान करते हुए कहा कि वे संविधान के मूल्यों को केवल पढ़ें ही नहीं, बल्कि उन्हें व्यवहार और जीवनशैली में ,
अपनाकर एक सशक्त, संवेदनशील और प्रगतिशील भारत के निर्माण में योगदान दें। राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भागीदारी ही संविधान के वास्तविक उद्देश्यों को साकार करेगी। उन्होंने सभी नागरिकों से बाबा साहेब के आदर्शों पर चलने, सामाजिक न्याय को मजबूत करने और समानता आधारित समाज के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लेने का आह्वान किया।

