कैथल, 17 दिसंबर । वीर बाल दिवस के अवसर पर राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जाखौली अड्डा में एक भव्य सैंड आर्ट शो (रेत कला प्रदर्शनी) तथा जिला स्तरीय निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें चार साहिबजादे बाबा अजीत सिंह जी, बाबा जुझारू सिंह जी, बाबा जोरावर सिंह जी, साहिबजादा बाबा फतेह सिंह जी की
अद्वितीय शहादत को एक अनूठे तरीके से श्रद्धांजलि दी गई। सैंड आर्ट शो के माध्यम से चारों छोटे साहिबजादों की वीर गाथा और उनके सर्वोच्च बलिदान को जीवंत किया गया, जिसे देखकर दर्शक भाव-विभोर हो उठे। यह कार्यक्रम सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग, शिक्षा विभाग तथा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है।
एनसीबी प्रोडक्शन से रेत कलाकार सर्वम पटेल द्वारा प्रस्तुत इस शो में साहिबजादों के जीवन के महत्वपूर्ण अध्यायों को क्रमबद्ध तरीके से प्रदर्शित किया गया। हल्के संगीत और मार्मिक कथन के साथ, कलाकार ने रेत के कणों को एक-एक कर आकार दिया, जिससे श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के इन बहादुर बेटों की कहानी आँखों के सामने साकार हो गई।
शो की शुरुआत उस भावनात्मक क्षण से हुई जब छोटे साहिबजादे और उनकी दादी माता गुजरी जी मुगल सेना से संघर्ष के दौरान गुरु साहिब से अलग हो गए। इसी प्रकार माता गुजरी जी और छोटे साहिबजादों को सरहिंद के ठंडे बुर्ज में कैद किए जाने के दृश्य को सैंड आर्ट के माध्यम से दिखाया गया, जिसने दर्शकों की आँखें नम कर दीं।
वह मार्मिक दृश्य, जब साहिबजादों को बार-बार इस्लाम कबूल करने के लिए धमकी दी गई थी, लेकिन उन्होंने बोले सो निहाल, सत श्री अकाल का उद्घोष कर निडरता का परिचय दिया। मात्र 9 और 7 वर्ष की आयु में दोनों साहिबजादों को जीवित दीवार में चिनवा कर शहीद कर दिया गया। यह दृश्य शहादत की गाथा को सर्वोच्च रूप से प्रदर्शित करता था। इसके अलावा बाबा अजीत सिंह तथा बाबा जुझार सिंह मुगलों के साथ युद्घ करते हुए बलिदान हो गए, लेकिन मुगलों के सामने सिर नहीं झुकाया।
जिला शिक्षा अधिकारी सुरेश कुमार ने कहा कि सैंड आर्ट शो के माध्यम से चार साहिबजादों के जीवन का चित्रण किया गया। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेशभर में इस प्रकार के शो का आयोजन कर गुरु गोविंद सिंह के चार साहिबजादों के बलिदान एवं शौर्य गाथा को जन जन तक पहुंचाने का सफल प्रयास किया जा रहा है। शो देखकर रोंगटे खड़े हो गए कि
इतनी छोटी उम्र में उन बहादुर बच्चों ने कितनी दृढ़ता दिखाई। वीर बाल दिवस मनाना और इस तरह कला के माध्यम से उनकी कहानी को आगे बढ़ाना बहुत ज़रूरी है। चार साहिबजादों की गौरव गाथा से यह शिक्षा मिली कि अगर दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो छोटे बच्चे भी बड़ा काम कर सकते हैं। इस विषय पर बच्चों की खंड एवं जिला स्तर पर चार भाषाओं में
निबंध प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जा रहा है। इसके बाद प्रदेश स्तर पर भी निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।
इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों और आम जनता ने इस कलात्मक श्रद्धांजलि की सराहना की। बच्चों का कहना था कि यह सैंड आर्ट केवल एक कला प्रदर्शनी नहीं, बल्कि इतिहास के पन्नों को छूने और बलिदान की भावना को महसूस करने का एक माध्यम था। युवा पीढ़ी के लिए यह शो चार साहिबजादों के साहस, धर्म के प्रति निष्ठा और अटूट दृढ़ संकल्प को समझने का एक प्रभावी तरीका साबित हुआ।
इस मौके पर अधीक्षक सुरेश कौशिक, सहायक सूचना एवं जन संपर्क अधिकारी अमित कौशिक, आईसीए राहुल शर्मा, कार्यक्रम के नोडल अधिकारी सुशील कुमार, कुशल कुमार, विनोद आर्य, निर्णायक मंडल में सतबीर सिंह, ईश्वर, जोगिंद्र सिंह, रमेश कुमार, डॉ. प्रदीप कुमार, धीरज कुमार, सैंड आर्ट शो से सुरेश व प्रदीप कुमार के अलावा स्कूली विद्यार्थी मौजूद रहे।

