इंडिया गौरव ब्यूरो कैथल 13 जून। एसडीएम अजय कुमार ने कहा कि डेंगू व मलेरिया के ज्यादातर केस जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर व अक्तूबर में मिलते हैं। आमजन अलर्ट होकर अपने घर में तथा आसपास के क्षेत्र में कहीं भी साफ पानी को एक सप्ताह तक निरंतर खड़ा न होने दें। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। अपने घरों में कूलर की साप्ताहिक सफाई व फ्रिज के पीछे वाली टे्र को सप्ताह में एक बार जरूर खाली करें। ताकि वहां डेंगू का कारण बनने वाले मच्छर न पनप सकें। मच्छर जनित बीमारी के लक्षण मिलने पर तुरंत सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में निशुल्क जांच करवाएं।
एसडीएम अजय कुमार शुक्रवार को लघु सचिवालय स्थित सभागार में जिला स्तरीय मलेरिया वर्किंग कमेटी तथा डायरिया विषय पर अधिकारियों व कर्मचारियों की बैठक में आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करके आमजन तक जरूरी हिदायतों को पहुंचाएं। पिछले वर्ष 2024 में डेंगू के 77 केस आए थे, भविष्य में कोई केस न आए, इसके लिए हम सभी को सावधानियां बरतनी है।
जिला में कहीं भी लारवा न पनप पाए, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एक प्लान तैयार करें। समय-समय पर शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर लारवा की जांच को निरंतर जारी रखें। उन्होंने नगर परिषद, नगर पालिकाओं व ग्राम पंचायतों में फोगिंग मशीनों को दुरूस्त रखने को कहा, ताकि समय पर उनका उपयोग किया जा सके। लोक निर्माण विभाग के अधिकारी सड़कों के गढ्डों को भरवाना सुनिश्चित करें।
जहां-जहां पानी खड़ा रहता है, वहां के स्थानों को पहचान की जाए और काला तेल आदि डलवाने की व्यवस्था की जाए। जन स्वास्थ्य विभाग हर घर में स्वच्छ जल की व्यवस्था करना सुनिश्चित करें, यदि कहीं कोई नल में गंदे पानी की शिकायत प्राप्त होती है तो उसका समय पर निपटान करना सुनिश्चित करें। रोडवेज महाप्रबंधक को निर्देश दिए कि खराब टायरों में पानी न भरने दें। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस संदर्भ में बच्चों व अभिभावकों को जागरूक करें। इसके अलावा उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग, पशु पालन विभाग, मत्स्य विभाग, आईएमए को भी आवश्यक निर्देश जारी किए।
एसडीएम ने कहा कि जिला में दस्त रोको अभियान 16 जून से 31 जुलाई तक चलाया जाएगा। इस अभियान में आशा वर्कर, एएनएम द्वारा पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को घर-घर जाकर ओआरएस पैकेट वितरित किए जाएंगे। परिजनों को ओआरएस तथा जिंक के प्रयोग के बारे में भी जानकारी दी जाएगी, ताकि डायरिया होने की स्थिति में वे तुरंत बच्चों का घर पर ही ईलाज कर सके। इसके अतिरिक्त सभी स्वास्थ्य केन्द्रों व उप स्वास्थ्य केन्द्रो व आंगनबाड़ी केंद्रों में बूथ स्थापित किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित टीमें सभी स्कूलों में जाकर हाथ धोने की विधि को विस्तार पूर्वक बताया जाएगा।
सिविल सर्जन डॉ. रेणू चावला ने बताया कि डायरिया के संक्रमण से अपने बच्चों को बचाने के लिए हाथों को साबून और पानी से अच्छे से धोएं, पीने का पानी साफ एंव सुरक्षित उपयोग करें, यह सुनिश्चित करें कि आपके बच्चों के आस-पास हमेशा सफाई रहे। माताएं अपने शिशू को छह महीनों तक मां का दूध पिलाएं। पूर्ण आहार दें, विटामिन ए की खुराक दी जाए। यदि बच्चा स्तनपान न करता हो, मल में खून आए, बुखार होना या ठंड लगना, हथेलियां और तलवे पीले होना, खाने पीने पर उल्टी कर देना, तेजी से सांस लेना, सांस लेने में कठिनाई होना, सुस्ती या बेहोशी व दौरे होने की स्थिति में तुरंत डॉक्टरों की सलाह लें।
इस मौके पर डीडीपीओ कंवर दमन, डिप्टी सीएमओ डॉ. नीरज मंगला, डॉ. नवराज सिंह, शमशेर सिंह, अशोक कुमार, रविंद्र व सभी सीएचसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।