कैथल । मजदूरों के संगठन सीटू ने आज राज्य कमेटी के आह्वान पर न्यूनतम वेतन छब्बीस हजार रुपए लागू करने व चार लेबर कोड वापस लेने की मांगों को लेकर बसाऊ चंदाना की अध्यक्षता में एक सभा जिला सचिवालय में करके नायब तहसीलदार कैथल के माध्यम से हरियाणा सरकार को ज्ञापन भेजा। आज की सभा को सीटू नेताओं नरेश रोहेड़ा, सत्यवान
कलायत, मनजीत हाबड़ी, सुषमा जडौला तथा सर्व कर्मचारी संघ नेताओं ओमपाल भाल, जसबीर सिंह व जरनैल सिंह कठवाड़ ने संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के मजदूरों के लिए 2015 से अब न्यूनतम वेतन रिवाइज नहीं हुए हैं जबकि हर पांच सालों में न्यूनतम वेतन रिवाइज करना होता है। उन्होंने बताया कि 2015 में हरियाणा व दिल्ली के न्यूनतम वेतन एक समान होते थे। दिल्ली के न्यूनतम वेतन 2020 में रिवाइज हो चुके हैं लेकिन हरियाणा में नहीं जिससे हरियाणा सरकार का न्यूनतम वेतन 6-7 हजार पीछे हो गया है। मंहगाई लगातार
बढ़ रही है व मजदूरों को अपने परिवारों का गुजारा करना मुश्किल हो रहा है। दूसरे, भारत सरकार द्वारा पुराने कर्मचारी मजदूर हितैषी श्रम कानूनों को बदलकर अब चार लेबर कोड़ों लागू करने जा रही है जो मजदूरों के लगभग सभी अधिकारों को छीन लेंगे। इनके लागू होने से मजदूरों को न्यूनतम वेतन नहीं मिल पाएगा, काम के घंटे आठ से बढ़ाकर बारह चौदह होंगे, रोजगार गारंटी समाप्त, सामाजिक सुरक्षा पर रोक, कच्ची नौकरियों का प्रचलन आदि समस्याएं बढ़ेंगी। मजदूर व कर्मचारी नेताओं ने यह भी कहा कि वे नौ जुलाई को राष्ट्र व्यापी हड़ताल में बढ़-चढक़र भाग लेंगे।

