कैथल । हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन संबंधित सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा कैथल डिपो ने 9 जुलाई की राष्ट्रव्यापी हड़ताल की तैयारी को लेकर यूनियन के ऑफिस में बैठक की। बैठक की अध्यक्षता डिपो प्रधान अमित कुमार कुंडू ने व संचालन कृष्ण गुलियाना ने किया। उन्होंने कहा कि राज्य में लगातार तीसरी बार भाजपा की सरकार बनी है और कर्मचारियों, परियोजना कर्मियों, मजदूरों व आम मेहनतकश जनता की उपेक्षा के साथ-साथ लगातार वादा खिलाफी कर रही है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा सरकार को मांगपत्र भेजकर बातचीत से
समाधान करने की अपील कर चुका है लेकिन सरकार बातचीत से समाधान करना नहीं चाहती। डिपो प्रधान अमित कुमार, सचिव कृष्ण गुल्याना, उपप्रधान सुरेश मराठा ने कहा कि हरियाणा रोडवेज के बेड़े में हरियाणा प्रदेश की जनसंख्या के आधार पर 10000 नई बसें शामिल की जाएं लेकिन सरकार इन्हें लागू करने में आनाकानी कर रही है। नौ जुलाई की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होकर इसका करारा जवाब दिया जाएगा। इस अवसर पर अचिंतराज, मुकेश कोहली, जसमेल श्योकंद, दलवीर देवबन, धर्मवीर देवबन, सतवीर बालू, वीरेंद्र
बालू, अनूप कुमार, संदीप जाजवान, अनिल मिर्जपुर, सोमबीर, श्री राम अलेवा, सुनील कारपेंटर, प्रशांत कुमार, भारत कुमार, विनोद कुमार, शीशपाल देवबन, राजीव जखोली, अनिल कुमार, शमशेर जांगड़ा, अमित कुमार विज, शमशेर सांगन, हीरालाल, संजीव सजुमा, शैलेंद्र चौथ, बलराज दयोरा, संजय धीमान, वीरेंद्र कुमार, संदीप कुंडू, सुभाष कसान, गजे सिंह गुहणा, विकास कुमार, दिनेश फौजी, कौशल पांचाल, जोगिंदर जखौली, अनिल कुमार, मुकेश कुमार, संदीप कुमार, अनिल कुमार चहल, जय कुमार गुलियाना, अकबर अली, रामपाल चंदाना समेत काफी कर्मचारी मौजूद रहे।
ये हैं यूनियन की मांगें
यूनियन के राज्य उपप्रधान विक्रम गुहणा व पूर्व उपमहासचिव जसबीर सिंह ने कहा कि उनकी मांगों में केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्य में अलग से वेतन अयोग का गठन करना और जब तक वेतन अयोग लागू नहीं किया जाता सभी कर्मचारियों को महंगाई के अनुसार 5 हजार रूपये अंतरिम रहात के रूप में देना, आठवें वेतन आयोग से पहले 7वें वेतन अयोग की विसंगतिया दुरुस्त करना, हटाए गए कौशल के सभी कर्मचारियों को वापिस लेते हुए नियमितीकरण की पॉलिसी बना कर सभी तरह के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना, परियोजना
कर्मियों को कर्मचारी का दर्जा देना, पुरानी पेंशन बहाल करना व एक्सग्रेसिया पॉलिसी से शर्त हटाना, बढ़ते हुए महंगाई भत्ते के अनुसार आवास भत्ते में बढ़ोतरी करने, कर्मचारियों के आश्रितों के मेडिकल प्रतिपूर्ति बिलों का भुगतान आश्रित की आय को जोड़े बिना करना, आबादी व क्षेत्रफल के अनुसार 10 लाख बेरोजगारों को पक्का रोजगार देना, परियोजना कर्मियों व मजदूरों को 26 हजार रुपए न्यूनतम मानदेय देना, विभागों का निजीकरण ना करके उनका विस्तार करके जनता को सस्ती दर पर शिक्षा, स्वस्थ, सफाई व अन्य सुविधा उपलब्ध कराना शामिल हैं।

