कैथल । प्रदेश की भाजपा सरकार ने बीपीएल परिवारों को राशन डिपो पर मिलने वाले सरसों के तेल को 40 रुपए से बढ़ाकर 100 रुपए कर दिया है। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माक्र्सवादी की राज्य कमेटी भाजपा सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना करती है। राज्य सचिव कामरेड प्रेम चंद ने कहा कि भाजपा सरकार एक के बाद एक जनविरोधी फैसले
ले रही है। अप्रैल महीने में रसोई गैस सिलेंडर के दामों में 50 रुपए बढ़ोतरी की गई थी। भाजपा शासन काल में रसोई गैस सिलेंडर 400 रुपए से बढक़र 855 रुपए तक पहुंच गया है। यह बार-बार बढ़ाए गए दामों के कारण हुआ है। इसी तरह पेट्रोल-डीजल के बार-बार बढ़ाए गए दामों के कारण महंगाई बढ़ी है। हाल ही में टोल प्लाजा के बढ़ाए गए रेट व एक जुलाई
से रेल भाड़ों में की गई वृद्धि से लोग त्रस्त हैं। हरियाणा में अभी बिजली की दरों में भी भारी वृद्धि की गई है। भाजपा सरकार द्वारा लगातार लिए जा रहे इन फैसलों से लोग तंग आ चुके हैं। प्रेमचंद ने कहा कि वर्तमान में असमानता व्यापक स्तर पर बढ़ी है। यदि हरियाणा की ही बात करें तो प्रदेश की कुल आबादी का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने पर मजबूर है। 25 जून 2015 को इंदिरा आवास योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री आवास योजना किया था और कहा था कि 2022 तक सब जरूरतमंदों को
सरकार घर बनाकर देगी। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई सूचना के जवाब के अनुसार प्रदेश में 67,649 परिवारों को घर देने का टारगेट रखा गया था। बीते इन दस वर्षों में केवल 12,71 परिवारों को ही घर बनाकर दिए गए हैं। सरकारी नौकरियों में रिक्त पदों पर भर्तियां नहीं की जा रही हैं। सीपीआईएम भाजपा की महंगाई बढ़ाने की नीति का पुरजोर विरोध करती है और मांग करती है कि राशन वितरण प्रणाली को सार्वभौमिक बनाया जाए और लोगों को सस्ते दाम पर गुणवतापूर्ण राशन उपलब्ध करवाया जाए।

