हर 50 किसानों के साथ तैनात नोडल अधिकारी अपनी जिम्मेदारी गंभीरता से निभाएं
कैथल, 29 सितंबर। डीसी प्रीति ने कहा कि पराली जलाने की घटना हो तो तुरंत एफआईआर दर्ज करवाई जाए। आग लगाने वाले व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर के साथ-साथ संबंधित अधिकारियों से भी जवाब लिया जाएगा। इसीलिए जिस अधिकारी को जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, वे उसे पूरी शिद्दत से निभाएं। हर 50 किसानों के साथ जिस नोडल अधिकारी
की तैनाती की गई है, वे किसानों से बात करें। उन्हें पराली जलाने से होने वाले नुकसान बारे जागरूक करें, ताकि जिले में पराली जलाने की घटनाओं को शून्य पर लाया जा सके।
डीसी प्रीति लघु सचिवालय स्थित कान्फ्रेंस रूम में कृषि, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित पराली प्रबंधन से जुड़े विभागों के अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहीं थीं। इससे पूर्व मुख्य सचिव द्वारा पराली प्रबंधन को लेकर जिलावार अधिकारियों से जानकारी ली। डीसी प्रीति ने कहा कि पराली प्रबंधन के लिए सरकार द्वारा किसानों को 1200 रुपये प्रति
एकड़ प्रोत्साहन राशि देने के साथ-साथ खेतों में ही इन सीटू व एक्ससीटू प्रबंधन के लिए मशीनें उपलब्ध करवाई हैं। डीसी ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पराली प्रबंधन के लिए सब्सिडी पर दी गई मशीनों का शत-प्रतिशत उपयोग सुनिश्चित करें। किसानों की मांग अनुसार उन्हें बेलर व अन्य सुविधाएं मुहैया करवाएं, ताकि उन्हें पराली जलाने की आवश्यकता ही न पड़े।
डीसी प्रीति ने कहा कि कोई भी मशीनरी ऐसी न हो, जो बिना उपयोग के किसी के घर में खड़ी रह जाए और किसानों को मशीनें मिल ही न पाएं। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि किसानों की मांग आने पर कम से कम समय में उन्हें वह मशीनरी उपलब्ध करवाई जाए। डीसी ने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि पहले किस क्षेत्र में धान की कटाई होती
है, उसी क्षेत्र में फोकस कर किसानों को मशीनरी की सुविधाएं दें, ताकि जरूरत अनुसार किसान उनका प्रयोग कर सकें। इसके अलावा नोडल अधिकारी लगातार लोगों को जागरूक करते रहें, ताकि आगजनी की घटनाओं को शून्य पर लाया जा सके। उन्होंने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि नोडल अधिकारी फील्ड में जाएं और फोटो सहित रिपोर्ट करें कि उन्होंने
कहां-कहां किसानों के साथ बैठक की है। अधिकारी रेड जोन वाले इलाके में भी विशेष फोकस करें। किसानों को बताएं कि पराली में आग लगाने पर रेड इंटरी से उन्हें क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं या फिर रेड इंटरी होने पर उन्हें क्या नुकसान हो चुका है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हम सब की जिम्मेदारी है। इसीलिए अधिकारी, कर्मचारी, किसान
सब मिलकर इस बात को सुनिश्चित करें कि जिले में पराली जलाने की घटनाएं पूरी तरह से शून्य हों। इस अवसर पर कृषि विभाग से एसडीओ सतीश नारा, जगदीश कुमार सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।

