कैथल, 01 जुलाई ( ) पुलिस अधीक्षक आस्था मोदी ने जानकारी देते हुए बताया कि यदि कोई व्यक्ति पुलिस अधिकारी, ई.डी या सी.बी.आई. अधिकारी बनकर ऑनलाइन माध्यम से रुपयो की मांग करता है तो सावधान हो जाये क्योकि ऐसा करने पर आप साइबर ठगी का शिकार हो सकते है। कोई भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से रुपयों की
मांग नहीं करता और यदि कोई ऐसा कर रहा है तो निश्चित तौर पर वह साइबर अपराधी है जो आपको साइबर फ्रॉड का शिकार बनाना चाहता है। वर्तमान में साइबर अपराधियो द्वारा अलग-2 प्रकार के तरीके अपनाते हुए लोगों को साइबर ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। ऐसे मे जरूरी है कि आमजन सावधान रहे और अनजान व्यक्ति की बातो मे आकर रुपयो की ट्रांसफर ना करे।
एसपी ने बताया कि यदि आमजन साइबर ठगी का शिकार हो जाये तो तुरंत हेल्पलाइन नम्बर 1930 पर संपर्क करे ताकि साइबर फ्रॉड की राशि को तुंरत फ्रीज किया जा सके। साइबर ठगों द्वारा पीड़ित के पास फोन कर डराया धमकाया जाता है व फोन कॉल को सी.बी.आई अधिकारी को ट्रांसफर करने की बात कही जाती है। साइबर ठग सी.बी. आई अधिकारी बनकर फर्जी अरेस्ट वारंट जारी कर पीड़ित को डराते व धमकाते है। पीड़ित युवक फर्जी अरेस्ट वारंट देखकर घबरा जाता है व उनके कहे अनुसार खाते में रुपये ट्रांसफर कर साइबर
ठगी का शिकार हो जाता है। इसके अलावा साइबर ठग एयरपोर्ट या अन्य जगह का नाम लेकर पीड़ित के पास फोन कर उसके नाम पर पार्सल बुक बताकर नशीला पदार्थ बताकर डराते है। साइबर ठग पार्सल की झूठी जानकारी पीड़ित युवक/महिला के साथ शेयर करते है। पार्सल मे कपडे, लैपटॉप, क्रेडिट कार्ड, पासपोर्ट व ड्रग्स आदि बताते है जो किसी भी कोरियर सर्विस का नाम लेकर किसी भी विदेश में भेजने की बात करते है। साइबर ठग फोन पर बार-बार किसी पुलिस अधिकारी की या साइबर पुलिस की फ़र्जी आईडी भेजकर
गिरफ्तार करने की धमकी देकर डराते है और पैसे हड़प लेते है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के साथ साइबर ठगी होती है तो घबराएं नहीं तुरंत इसकी शिकायत साइबर हेल्पलाइन नम्बर 1930 पर या अपने नजदीकी में थाना मे दर्ज करे।

