कैथल,। हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण पंचकूला के सदस्य सचिव द्वारा जारी निर्देशों के तहत और जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कैथल अजय पराशर की देखरेख में डीएलएसए कैथल द्वारा वृद्घ आश्रम सनातन धर्म मंदिर सभा के सभागार में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007 के प्रमुख प्रावधानों और लाभों के बारे में जानकारी दी गई।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं सचिव कंवल कुमार ने बताया कि इस जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य सभी माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों को विशेष कानून का महत्वपूर्ण ज्ञान प्रदान करना और उन्हें इस अधिनियम के तहत उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना है।
डीएलएसए कैथल के पैनल अधिवक्ता राजेश कुमार ने बताया कि यह विशेष केंद्रीय अधिनियम बच्चों का दायित्व है कि वे अपने वरिष्ठ नागरिक माता-पिता के लिए भोजन, वस्त्र, आवास, चिकित्सा देखभाल और उपचार की व्यवस्था करें। इनमें बालिग बेटा-बेटी, पोता और पोती शामिल हैं। इन बुनियादी जरूरतों को पूरा करना होगा। अगर वे ऐसा करने में विफल
रहते हैं, तो माता-पिता भरण-पोषण न्यायाधिकरण से राहत मांग सकते हैं, जो मासिक भरण-पोषण भत्ते का आदेश दे सकता है। न्यायाधिकरण संपत्ति हस्तांतरण को भी रद्द कर सकता है, यदि किसी माता-पिता, वरिष्ठ नागरिक को बच्चों द्वारा कानूनी उत्तराधिकारियों द्वारा देखभाल का वादा किया गया था, लेकिन बाद में उन्होंने उनकी उपेक्षा की। इस
जागरूकता कार्यक्रम में जिला समाज कल्याण विभाग के कर्मचारी जतिन, पैरा लीगल वालंटियर राजेंद्र कुमार भी उपस्थित रहे।

