कैथल, 29 जून। श्री सिद्धपीठ शिव वाटिका एवं प्रताप कल्याण भूमि की बैठक शिव वाटिका के मंदिर हॉल में संपन्न हुई। इस बैठक की अध्यक्षता संरक्षक मंडल एवं चुनाव अधिकारी श्री गीता भवन मंदिर के प्रधान कैलाश भगत, इंद्रजीत सरदाना, कमल आहूजा एवं शिव शंकर पाहवा ने की। बैठक का मुख्य उद्देश्य सिद्धपीठ शिव वाटिका एवं प्रताप कल्याण भूमि के प्रधान का चुनाव करना था। कार्यकारी प्रधान कृष्ण नारंग के पिछला कार्यकाल पूरा होने पर यह चुनावी बैठक बुलाई गई थी। सर्वप्रथम महासचिव बिशम्बर अरोड़ा ईशपुनानी ने बैठक में
सभी सदस्यों के पहुंचने पर स्वागत किया। कोषाध्यक्ष प्रवीण खुराना और वरुण मदान ने मौजूदा प्रधान कृष्ण नारंग के पिछले कार्यकाल के कार्यों का लेखा-जोखा सबके सामने रखा व आय-व्यय का पेश किया, जिसमें विभिन्न कार्यों के व्ययों को सभी ने पास कर दिया। प्रधान पद के चुनाव से पहले प्रताप कल्याण भूमि के कई सदस्यों ने शिव वाटिका एवं प्रताप कल्याण भूमि के विस्तार को लेकर अपने-अपने विचार रखे। इसके बाद राजकुमार मुखीजा एवं सुरेश अलावादी ने प्रधान पद के लिए कृष्ण नारंग के पिछले बेहतर कार्यो की सराहना करते हुए
दोबारा प्रधान के लिए उनका नाम अनुमोदन किया। इस प्रस्ताव का सभी सदस्यों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ समर्थन किया।
निर्वाचन अधिकारी कैलाश भगत, इंद्रजीत सरदाना, कमल आहूजा एवं शिव शंकर पाहवा ने सभी सदस्यों की सर्वसम्मति को देखते हुए अगले तीन वर्ष की जिम्मेदारी पुन: कृष्ण नारंग को सौंपते हुए उन्हें प्रधान नियुक्त किया। इस अवसर पर कैलाश भगत ने कृष्ण नारंग को लगातार चौथी बार पुनः प्रधान बनने पर बधाई दी और विश्वास दिलाया कि सिद्धपीठ शिव
वाटिका एवं प्रताप कल्याण भूमि के विकास के लिए जिस भी तरह की आवश्यकता होगी तन मन धन के साथ उनके साथ खड़े है। नवनियुक्त प्रधान कृष्ण नारंग ने कहा कि शिव वाटिका एवं प्रताप कल्याण भूमि के सदस्यों ने उन्हें पुन: प्रधान चुनकर जो मान-सम्मान दिया है, वह उस पर खरा उतरेंगे। साथ ही सभी सदस्यों के साथ मिलकर सिद्धपीठ शिव वाटिका एवं प्रताप कल्याण भूमि का विस्तार करने का प्रयास करेंगे। प्रधान पद पर पुनः चुने जाने के बाद नारंग ने सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया और सबसे पहले भगवान शिव के चरणों में
प्रणाम कर अपनी आस्था प्रकट की। उन्होंने कहा कि यह दायित्व उनके लिए सम्मान के साथ-साथ जिम्मेदारी का प्रतीक भी है और वे पूरी निष्ठा से सभा की सेवा करते रहेंगे। मंच का सफल संचालन इन्द्रजीत सरदाना ने किया। इस अवसर पर राजेन्द्र खुराना,अधिवक्ता कौशल खेत्रपाल,सुभाष नारंग,विनय बिट्टू दुआ,अमित नरूला, महेन्द्र मक्कड़,महेश मक्कड़,वेद नरूला,अनिल कालड़ा,सुभाष कालड़ा,बाबू कालड़ा,राम लाल अरोड़ा,सचिन तागरा,प्रदीप तागरा,शेखर थरेजा,बंटी कथूरिया,अशोक खुराना,पुनीत मल्होत्रा,बी.बी. सतीजा,ओमप्रकाश
दुआ, राजकुमार मुखीजा, नरेन्द्र निझावन,अरविन्द कक्कड़, गुलशन नरूला, रविन्द्र पप्पू ख़रबंदा ,अशोक मक्कड़,कंवल तनेजा, प्रदर्शन परूथी,सुभाष कथूरिया, योगराज बत्रा,सुषम कपूर, सतीश राजपाल,अनिल गुलाटी,हरीश पुरी, श्याम साहनी, महेंद्र सीकरी, कृष्ण तनेजा, अशोक अरोड़ा,अनिल बतरा सीए,राकेश मल्होत्रा ,विनोद खंडूजा,भुवन मलिक,अश्वनी खुराना,अनिल टक्कर, भारत भूषण टक्कर, रवि नागपाल,मदन लाल कटारिया,अशोक गुलाटी, जयंत मनचन्दा,राकेश खेत्रपाल, राजेन्द्र मेहता,तुलसी दास मदान, बलदेव दुआ,
मनोहरलाल आहुजा,अनिल बत्रा,रघबीर बतरा,भूपेन्द्र मेहंदीरता,कृष्ण भारती,राजकुमार दुआ, धन सचदेवा, सुरेश अलावादी, अमित नरूला, पुनीत मल्होत्रा, रोहित सरदाना, सतीश चावला, मौजूद थे।

