ढांड, 16 अक्तूबर । गुरुकुल ऑफ एक्सीलेंस पबनावा के अध्यक्ष बलिंद्र आर्य ने कहा कि योग हमारी भारतीय संस्कृति की पहचान है। योग धर्म, आस्था और अंध विश्वास से परे एक सीधा विज्ञान है। जीवन जीने की कला भी योग में निहित है, इसलिए हमें योग परम्परा को अपनाकर अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए अपने जीवन का सुधार करना चाहिए। 5
अध्यक्ष बलिंद्र आर्य ने बातचीत करते हुए कहा कि बाबा रामदेव ने समस्त जगत में योग की अलख जगाई है और समूचा विश्व योग को ग्रहण कर रहा है। स्कूल में भी बच्चों को निरंतर योग के प्रति जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि योग शारीरिक शक्ति प्रदान करता है तथा रोगों से लडऩे की क्षमता प्रदान करता है। योग जीवन में संतुलन बनाता है और
विभिन्न बीमारियों से बचाने के साथ-साथ योग हमें उर्जावान भी बनाता है। योग एक कला है, जो हमारे शरीर, मन और आत्मा को एक साथ जोड़ता है तथा हमें एकाग्रता प्रदान करता है। योग हमारी जीवन शैली का हिस्सा रहा है। यह ज्ञान, क्रम और भक्ति का आदर्श मिश्रण है। नियमित योग करने से जहां हमारे शरीर में स्फूर्ति का संचार होता है, वहीं कई 5
असाध्य बीमारियों से छुटकारा भी मिलता है। अध्यक्ष बलिंद्र आर्य ने कहा कि आज के इस व्यस्त दिनचर्या के बीच योग का नियमित अभ्यास हमें ऊर्जावान और सकारात्मक बनाए रखता है। ऐसे में योग अपनाना बहुत प्रशंसाजनक गतिविधि है। नियमित योग करने से ब्रह्मांड की किसी भी बीमारी को ठीक किया जा सकता है। बलिंद्र आर्य ने कहा कि दैनिक जीवन में
योग को शामिल करना सबसे स्वास्थ्यप्रद अभ्यासों में से एक है। यह न केवल आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाता है बल्किआपके मन और आत्मा को भी शांत करता है। योग हमारे शरीर की अंदरूनी शक्ति में वृद्धि करके रोग-प्रतिरोधकक्षमता में बढ़ोत्तरी करता है।

