कैथल । हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण पंचकूला के सदस्य सचिव द्वारा जारी निर्देशों के तहत और जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डीएलएसए के अध्यक्ष अजय पराशर की देखरेख में डीएलएसए कैथल द्वारा माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम के प्रमुख प्रावधानों और लाभों के बारे में
जानकारी के प्रसार हेतु मदन लाल ढींगरा स्मारक के पास पंजाबी कल्याण सभा के सभागार में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं डीएलएसए सचिव कंवल कुमार ने बताया कि इस जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य सभी माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों को विशेष कानून का महत्वपूर्ण ज्ञान प्रदान करना और उन्हें
उक्त अधिनियम के तहत उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना है। डीएलएसए कैथल के वरिष्ठ पैनल अधिवक्ता और एचएसएलएसए के मास्टर ट्रेनर अरविंद खुरानिया ने मुख्य वक्ता के रूप में बताया कि यह विशेष केंद्रीय अधिनियम बच्चों का दायित्व है कि वे अपने वरिष्ठ नागरिक माता-पिता के लिए भोजन, वस्त्र, आवास, चिकित्सा देखभाल और उपचार
की व्यवस्था करें। बालिग बेटा, बेटी, पोता और पोती को इन बुनियादी जरूरतों को पूरा करना होगा। अगर वे ऐसा करने में विफल रहते हैं तो माता-पिता भरण-पोषण न्यायाधिकरण से राहत मांग सकते हैं जो मासिक भरण-पोषण भत्ते का आदेश दे सकता है। न्यायाधिकरण संपत्ति हस्तांतरण को भी रद्द कर सकता है। माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का
भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम स्पष्ट रूप से प्रावधान करता है कि एक वरिष्ठ नागरिक और या माता-पिता, जिनमें जैविक, दत्तक और सौतेले माता-पिता शामिल हैं, जो अपना भरण-पोषण स्वयं नहीं कर सकते, भरण-पोषण के लिए आवेदन करने के हकदार हैं। बच्चे कानूनी रूप से अपने माता-पिता की बुनियादी जरूरतों भोजन, आश्रय और चिकित्सा
खभाल को पूरा करने के लिए बाध्य हैं। भरण-पोषण का भुगतान न करने पर जुर्माना या कारावास हो सकता है। पंजाबी कल्याण सभा के अध्यक्ष सुभाष कथूरिया, नरेंद्र निझावन, धन सचदेवा सचिव, महेश धमीजा, रुलदू राम आदि उपस्थित रहे।

