Saturday, December 6, 2025
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किसानों की समस्याओं को लेकर ट्रैक्टरों व जेसीबी के साथ सडक़ों पर उतरी इनेलो

कैथल, 3 नवंबर । इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी ने किसानों के हितों की रक्षा को लेकर सोमवार को कैथल में एक बड़ा आंदोलन किया। इनेलो नेता व कार्यकर्ता जेसीबी मशीन, टैञ्चटरों सहित सडक़ों पर उतरकर प्रदर्शन किया। बाढ़ और जलभराव के कारण खरीफ की फसलों को हुए भारी नुकसान, पशुओं की मौत, खाद की किल्लत, एमएसपी पर धांधली

और मुआवजा न मिलने के विरोध में इनेलो कार्यकर्ताओं ने प्रदेशाध्यक्ष रामपाल माजरा के नेतृत्व में जवाहर पार्क से लघु सचिवालय तक एक विशाल रोष मार्च निकाला। प्रदर्शन में सैकड़ों किसानों ने ट्रैक्टरों, जेसीबी मशीनों और झंडों के साथ भाग लिया। पूरे रास्ते किसान किसानों को न्याय दो, खराबे का मुआवजा दो, डीएपी-यूरिया की किल्लत दूर करो,

एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित करो जैसे नारे लगाते रहे। प्रदर्शन के कारण शहर के कई मार्गों पर ट्रैफिक प्रभावित हो गया। मार्च के बाद इनेलो प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल प्रो. असीम कुमार घोष के नाम तहसीलदार कैथल को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में यह स्पष्ट कहा गया कि हरियाणा की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था पूरी तरह से जल पर निर्भर है, लेकिन इस वर्ष जुलाई से सितंबर तक हुई अत्यधिक बारिश और जलभराव की निकासी में सरकार की लापरवाही के कारण किसानों को भारी

नुकसान झेलना पड़ा है। ज्ञापन में बताया गया कि प्रदेश के 12 जिलों में साढ़े चार लाख किसानों की लगभग 19 लाख एकड़ फसल बर्बाद हुई है, जबकि करीब 6000 गांव जलभराव और बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। बावजूद इसके सरकार द्वारा अब तक किसी भी प्रभावित किसान को मुआवजा नहीं दिया गया है, न ही जलभराव की स्थायी समस्या का

समाधान किया गया है। प्रदेश महासचिव प्रदीप गिल ने मांग करते हुए कहा कि सरकार किसानों को कम से कम 50 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा प्रदान करे, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके और वे आगामी रबी फसल की बुआई कर सकें। पार्टी ने चेताया कि यदि 10 दिनों के भीतर जलभराव की निकासी नहीं की गई, तो किसान अगली फसल की बुआई नहीं कर पाएंगे, जिससे राज्य की कृषि व्यवस्था बुरी तरह चरमरा जाएगी। प्रदीप गिल ने फसलों

की खरीद प्रक्रिया में चल रही अनियमितताओं की भी कड़ी आलोचना की। ज्ञापन में कहा गया कि धान की खरीद में नमी के नाम पर 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती की जा रही है। वहीं, बाजरे में समर्थन मूल्य और बाजार भाव के बीच 700-800 रुपये प्रति क्विंटल का अंतर है, लेकिन सरकार की भावांतर योजना के तहत किसानों को केवल 600

रुपये प्रति क्विंटल ही दिया जा रहा है। इस मौके पर प्रदेश महासचिव प्रदीप गिल, युवा नेता अमनदीप माजरा, जाट शिक्षा संस्थान के सचिव रश्मि ढुल, जिला अध्यक्ष अनिल तंवर, जिला  संयोजक मोनू बालू, युवा अध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा पुजारी, जिला कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रघुबीर शिमला, किसान सैल के जिला अध्यक्ष शैलेंद्र राणा, लीगल सेल के अध्यक्ष शशी वालिया,

ओबीसी ज़िलाध्यक्ष सोनू वर्मा, एससी सैल के जिलाध्यक्ष भूप सिंह नैना, व्यापार सैल के जिलाध्यक्ष प्रवीन चौधरी, सतीश गर्ग, पूनम, नेपाल हाबडी, काला प्योदा, बलजीत मानस, नवदीप सीड़ा, भूप सिंह करोड़ा, रोहित कुंडू, बलकार, सुरजीत पबनावा आदि उपस्थित थे।

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