कैथल, 6 नवंबर । श्री गुरु नानक पद्ब्रिलक स्कूल पेसवाल कैथल की प्रधानाचार्य शाइनी क्वात्रा ने कहा कि महिला उत्थान ही समाज की प्रगति और कल्याण का मूल आधार है। आज की नारी हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा, परिश्रम और आत्मविश्वास के बल पर नए आयाम स्थापित कर रही है। बेटियां देश और प्रदेश में ऊंचे पदों पर आसीन होकर न केवल अपने परिवार,
बल्कि पूरे समाज का गौरव बढ़ा रही हैं। बेटियों की काबलियत व प्रतिभा पर समूचे देश को गर्व है। यहां बातचीत करते हुए प्रधानाचाय्र शाइनी क्वात्रा ने कहा कि आज की बेटी हर चुनौती का सामना डटकर कर रही है। चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो, विज्ञान, खेल, प्रशासन या रक्षा हर जगह महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है। बेटियां देश का भविष्य हैं
और इनकी शिक्षा पर समाज को विशेष ध्यान देना चाहिए। शिक्षित बेटी न केवल अपने परिवार को सशक्त बनाती है, बल्कि दो परिवारों के जीवन में प्रकाश फैलाने का सामथ्र्य रखती है। प्रधानाचार्या क्वात्रा ने कहा कि बेटियों और बेटों में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए। दोनों को समान अवसर और समान शिक्षा मिलनी चाहिए। उन्होंने अभिभावकों
से आह्वान किया कि वे अपनी बेटियों को आगे बढऩे के हर अवसर दें, ताकि वे अपने सपनों को साकार कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा सरकार का ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान समाज में नई चेतना का संचार कर रहा है। इस अभियान के परिणामस्वरूप प्रदेश में बेटियों के प्रति सोच में सकारात्मक बदलाव आया है। आज ग्रामीण और शहरी
दोनों क्षेत्रों में बालिकाओं की शिक्षा दर में वृद्धि हुई है। प्रधानाचार्य क्वात्रा ने कहा कि खेलों में भी बेटियां अपना लोहा मनवा रही हैं। ओलंपिक, एशियाई और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में महिला खिलाडिय़ों ने अपने परचम लहराकर देश का नाम विश्व पटल पर रोशन किया है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों का दायित्व है कि वे छात्राओं को आत्मनिर्भर,
आत्मविश्वासी और सामाजिक रूप से सशक्त नागरिक बनाने के लिए हरसंभव वातावरण प्रदान करें। प्राचार्य शाइनी क्वात्रा ने सभी से आह्वान किया कि महिला सशक्तिकरण को केवल नारे तक सीमित न रखें, बल्कि इसे व्यवहार में लाकर समाज को समानता और सम्मान की दिशा में आगे बढ़ाएं। बेटी के उत्थान में ही राष्ट्र का उत्थान निहित है।

