Saturday, December 6, 2025
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आईएएस प्रदीप डागर ने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए ओर अधिक सक्रियता के साथ काम करने के दिए निर्देश

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हरियाणा के सदस्य सचिव ने ली अधिकारियों की बैठक

 बैठक में डीसी प्रीति अधिकारियों को निर्देश जारी किए

कैथल, 12 नवंबर। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हरियाणा के सदस्य सचिव आईएएस प्रदीप डागर ने कहा कि कैथल जिले ने इस बार पराली प्रबंधन में अच्छा कार्य किया है। पिछले सप्ताह भर से पराली जलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं। जिला प्रशासन पहले की तरह से प्रतिबद्घता दिखाते हुए आने वाले दिनों में पराली प्रबंधन में अहम भूमिका निभाए। जिले के

किसानों को प्रेरित किया जाए कि वे पराली में आग न लगाएं। ताकि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार उचित कदम उठाए जा सकें। संबंधित अधिकारी पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए फील्ड स्टाफ को अधिक सक्रियता के साथ किसानों को जागरूक करें।

सदस्य सचिव प्रदीप डागर आज लघु सचिवालय स्थित सभागार में जिला प्रशासन के अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में डीसी प्रीति ने जिले में अब तक की गई कार्रवाई से अवगत करवाया। बोर्ड सदस्य सचिव ने कहा कि धान की कटाई चल रही है वहीं गेहूं की बीजाई भी चल रही है। इसीलिए जमीनी स्तर के ग्राम सचिव व पटवारी तक के

स्टाफ को सक्रिय किया जाए। उन्हें फिर से निर्देशित किया जाए कि वे फील्ड में जाकर लोगों को पराली न जलाने बारे प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि केवल पराली में ही आग लगाना प्रतिबंधित नहीं है बल्कि हर तरह से खुले में आग लगाना प्रतिबंधित है। चाहे वह कूड़े में आग लगानी हो या फिर किसी भी अन्य सामान में। इस तरह की आगजनी प्रदूषण को

बढ़ावा देती है। शहरी क्षेत्रों में सफाई कर्मचारी सुनिश्चित करें कि वे कूड़े में आग न लगाएं। साथ ही सरकार द्वारा पराली प्रबंधन को रोकने के लिए जो योजनाएं चलाई हैं, किसानों को उन योजनाओं के बारे में जानकारी देकर उनका लाभ किसानों तक पहुंचाएं। आगजनी पाए जाने पर नियमानुसार जो भी कार्रवाई है, वह की जाए। उन्होंने जिले में अब तक के प्रयासों की सराहना भी की और आने वाले समय में ओर ज्यादा सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए।

बैठक में डीसी प्रीति बताया कि कैथल में इस बार किसानों की जागरूकता व जिला प्रशासन के सामूहिक प्रयासों से पिछले सालों की तुलना में काफी कम आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं। अब जो घटनाएं सामने आ रही हैं, उनमें आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि निश्चित तौर पर आने वाले समय में आगजनी की घटनाओं पर अंकुश

के लिए फील्ड स्टाफ को अधिक सक्रिय किया जाएगा। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश जारी किए कि वे पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए अपने फील्ड स्टाफ के साथ अधिक सक्रियता के साथ किसानों से संपर्क करें। जहां अभी धान की फसल की कटाई हो चुकी है, उन क्षेत्रों में फोकस करें। ऐसे क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाएं, जहां अभी धान की कटाई

होनी है। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक 51 एएफएल की घटनाएं सामने आई हैं, जांच करने पर उनमें से केवल 10 जगह पर ही पराली जलाने के मामले पाए गए हैं। जिन पर नियमानुसार कार्रवाई की गई है।

बैठक में जिले के मौजूदा आगजनी की घटनाओं व पूर्व की घटनाओं की समीक्षा की गई और सभी को सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए गए। इस अवसर पर एसडीएम अजय सिंह, एसडीएम कलायत अजय हुड्डा, एसडीएम चीका कैप्टन परमेश सिंह, डीडीपीओ रितू लाठर, डीआरओ चंद्रमोहन, डीपीआरओ नसीब सैनी, डीडीए सुरेंद्र यादव, डिप्टी सीईओ जिला परिषद सुमित चौधरी सहित जिले के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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