मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रैड एंट्री दर्ज होगी
कैथल, 12 नवंबर। एसडीएम अजय सिंह ने गांव बाबालदाना और बरटा में दौरा कर किसानों को जागरूक करते हुए कहा कि किसान फसल अवशेषों में आग ना लगाए, बल्कि पराली प्रबंधन कर अपनी आय में बढ़ोतरी करें। उन्होंने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण को रोकना हम सबकी साझी जिम्मेदारी है। इस मौके पर डीएसपी सुशील प्रकाश भी मौजूद रहे।
एसडीएम ने कहा कि डीसी प्रीति के मार्गदर्शन में पराली प्रबंधन के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा गोष्ठियों व शिविरों के माध्यम से गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है।
एसडीएम ने कहा कि पराली व अवशेष जलाने से कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, मीथेन और अन्य
हानिकारक गैसें निकलती हैं। धुएं से सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन, दमा और हृदय रोग बढ़ जाते हैं। धुएं में दिखाई देना कम हो जाता है और सड़क दुर्घटनाएं होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा मिट्टी में मौजूद जीवाणु नष्ट हो जाते हैं और उर्वरा शक्ति कम होती है। एसडीएम ने कहा कि सुपर सीडर और सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम
(एसएमएस)के अलावा अनेक मशीनें पराली को बिना जलाएं मिट्टी में मिलाने में मदद करती है। पराली से बायोगैस, बायो-सीएनजी और बिजली उत्पादन किया जा रहा है। बेलर व अन्य मशीनों के माध्यम से पराली प्रबंधन करके अपनी आय का
एसडीएम ने कहा कि पराली प्रबंधन हेतू सरकार द्वारा किसानों के लिए अनेकों योजनाएं लागू की गई है, जो किसान पराली प्रबंधन करता है, उसको सरकार द्वारा 1200 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाती है। पराली में आग लगाने वाली घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन पुरी तरह सख्त है और ऐसे लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई
अमल में लाई जा रही है। यदि कोई किसान फसल अवशेषों में आग लगाता पाया जाता है तो उन पर एफआईआर दर्ज करने के साथ-साथ 5 हजार से लेकर 30 हजार रुपये तक का जुर्माना, मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रैड एंट्री दर्ज होगी।

