कैथल । हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबद्ध सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा एवं स्कूल टीचर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के राज्य प्रधान प्रभु सिंह, राज्य महासचिव रामपाल शर्मा, कैशियर संजीव सिंगला, वरिष्ठ उपप्रधान गुरमीत सिंह, उपमहासचिव कृष्ण नैन, संगठन सचिव सुखदर्शन सरोहा, प्रैस सचिव निशा, कार्यालय सचिव सत्यनारायण यादव, जिला
प्रधान रामफल दयोहरा व जिला सचिव अमरनाथ किठानिया ने संयुक्त प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि तेलंगाना सरकार द्वारा देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले के जन्मदिवस 3 जनवरी को महिला शिक्षिका दिवस के रूप में मनाने का जो ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है उसका हम स्वागत करते हैं। यह निर्णय महिला शिक्षकों के योगदान,
उनके संघर्षों और भारतीय शिक्षा में उनकी केंद्रीय भूमिका के औपचारिक सम्मान की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है। भारत की प्रथम महिला शिक्षिका और सामाजिक क्रांतिकारी सावित्रीबाई फुले ने ऐसे समय में लड़कियों, दलितों और वंचित समुदायों के लिए विद्यालय खोले जब शिक्षा को अपराध माना जाता था। उन्होंने पितृसत्ता, जातिगत दमन और अंधविश्वासों
के विरुद्ध शिक्षा को हथियार बनाया और भारतीय समाज में पहली बार संगठित रूप से महिला शिक्षा की आधारशिला रखी। इस कारण उनका जन्मदिवस महिला शिक्षक दिवस के रूप में घोषित किया जाना न केवल ऐतिहासिक न्याय है, बल्कि शिक्षा और समानता के संवैधानिक मूल्य को मजबूती देने वाला कदम है। अध्यापक नेताओं ने कहा कि हम केंद्र
सरकार और हरियाणा सरकार से मांग करते हैं कि तेलंगाना के निर्णय का अनुसरण करते हुए 3 जनवरी को राष्ट्रीय स्तर पर महिला शिक्षिका दिवस घोषित किया जाए। यह घोषणा संविधान के समानता और शिक्षा के अधिकार की भावना के अनुरूप होगी तथा सावित्रीबाई फुले जैसी महान समाज-सुधारक को राष्ट्रीय स्तर पर वह सम्मान देगी जिसकी वे पूर्णत:
अधिकारी हैं। इसके माध्यम से महिला शिक्षिकाओं के कार्य, संघर्ष और नेतृत्व को देशभर में पहचान मिलेगी और आने वाली पीढिय़ों के लिए प्रेरणादायी वातावरण तैयार होगा।

