Sunday, December 21, 2025
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सूडान में मानवीय आधार पर युद्धविराम अमेरिका की प्राथमिकता : मार्को रुबियो

वाशिंगटन, 20 दिसंबर (वेब वार्ता)। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा है कि अमेरिका
सूडान में मानवीय आधार पर युद्धविराम के लिए दबाव बना रहा है। उन्होंने वहां की स्थिति को
बेहद भयानक बताया।

रुबियो ने कहा, “हमारा तात्कालिक लक्ष्य लड़ाई को रोकना है और नए साल की शुरुआत में एक ऐसा
मानवीय संघर्षविराम कराना है, जिससे राहत एजेंसियां गंभीर संकट में फंसे लोगों तक मदद पहुंचा
सकें।” उन्होंने बताया कि अमेरिका इस मुद्दे पर क्षेत्रीय साझेदारों के साथ लगातार संपर्क में है और
सूडान से जुड़े मामलों पर सक्रिय बातचीत कर रहा है।

रुबियो ने कहा कि अमेरिका ने जिम्मेदारी तय करने पर भी जोर दिया है। उनका कहना था कि वहां
जो कुछ हुआ है, उसकी सच्चाई एक दिन सबके सामने आएगी और इसमें शामिल सभी पक्षों की
छवि खराब होगी।

उन्होंने यह भी कहा कि बाहर से मिल रहे समर्थन ने इस संघर्ष को और भड़काया है। उनके अनुसार,
इन लड़ाकू समूहों के लिए बाहरी मदद के बिना काम करना संभव नहीं है। रुबियो ने यह भी बताया
कि एक बड़ी समस्या यह रही है कि दोनों पक्ष समझौते तो कर लेते हैं, लेकिन उन्हें लागू नहीं करते।

उन्होंने कहा कि युद्ध के हालात कूटनीतिक कोशिशों को और कठिन बना देते हैं। जब किसी पक्ष को
लगता है कि वह मैदान में आगे बढ़ रहा है, तो वह समझौता करने की जरूरत नहीं समझता।
रुबियो ने कहा, “अक्सर ऐसा होता है कि जब एक पक्ष को लगता है कि वे युद्ध के मैदान में आगे

+बढ़ रहे हैं, तो उन्हें रियायत देने की ज़रूरत महसूस नहीं होती। अमेरिका की प्राथमिकता मानवीय
राहत है। हमारा 99 प्रतिशत ध्यान इस मानवीय युद्धविराम पर केंद्रित है।”

उन्होंने उम्मीद जताई कि नया साल और आने वाले त्योहार दोनों पक्षों के लिए युद्धविराम पर
सहमत होने का अच्छा मौका हो सकते हैं। रुबियो ने कहा, “हमें लगता है कि नया साल और आने
वाली छुट्टियां दोनों पक्षों के लिए इस पर सहमत होने का एक शानदार अवसर हैं।”

गौरतलब है कि अप्रैल 2023 से सूडानी सशस्त्र बलों और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज के बीच गृहयुद्ध में
फंसा हुआ है, जिससे दुनिया के सबसे गंभीर मानवीय संकटों में से एक पैदा हो गया है। लाखों लोग
अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं और लड़ाई व असुरक्षा के कारण राहत पहुंचाना मुश्किल हो गया
है। राहत एजेंसियां लगातार अकाल के खतरे की चेतावनी दे रही हैं।

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