नई दिल्ली, 14 जून । सरकार ने अहमदाबाद से लंदन जाने वाले एयर इंडिया के विमान
की गुरुवार को हुई दुर्घटना की समग्रता से जांच के लिए केन्द्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एक 11
सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जो इस दुर्घटना को लेकर हर तरह के सवाल का
जवाब तलाशेगी और तीन माह के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी।
केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडु ने शनिवार को यहां उड़ान भवन में
आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। श्री नायडु ने दुर्घटना में जान गंवाने वालों
के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की और कहा कि वह यात्रियों के परिजनों के दर्द को समझते हैं क्योंकि
उन्होंने स्वयं अपने पिता को एक दुर्घटना में खोया है। उन्होंने कहा कि दुर्घटना होने के तीन घंटे बाद
जब वह अहमदाबाद में घटनास्थल पर पहुंचे तो गुजरात सरकार की एजेंसियां राहत एवं बचाव कार्य
में लगे थे। विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो (एएआईबी) ने अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय में तकनीकी
जांच शुरू कर दी है। इस जांच से उत्तर मिलेगा कि तकनीकी स्तर पर क्या कमी या चूक हुई थी।
नायडु ने कहा, “पिछले दो दिन बहुत मुश्किल भरे रहे हैं। अहमदाबाद हवाईअड्डे के पास हुए
हादसे ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इस हादसे में अपने प्रियजनों को खोने वाले सभी परिवारों
के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएँ हैं… मैं व्यक्तिगत रूप से घटनास्थल पर गया, ताकि देख सकूँ कि क्या
किया जाना चाहिए, क्या सहायता प्रदान की जानी चाहिए और यही रवैया गुजरात सरकार का भी था।
भारत सरकार और मंत्रालय के अन्य लोगों का भी यही रवैया था। जब हम घटनास्थल पर पहुँचे, तो
हमने देखा कि सभी संबंधित विभागों की प्रतिक्रिया टीमें ज़मीन पर काम कर रही थीं, जो भी संभव
हो, बचाव करने की कोशिश कर रही थीं, आग को कम करने और मलबे को हटाने की कोशिश कर
रही थीं ताकि शवों को जल्द से जल्द अस्पताल भेजा जा सके। विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो, जिसे
विशेष रूप से विमानों के आसपास होने वाली घटनाओं, दुर्घटनाओं की जाँच करने के लिए बनाया
गया था, को तुरंत सक्रिय किया गया। एएआईबी के माध्यम से चल रही तकनीकी जांच से एक
महत्वपूर्ण अपडेट यह है कि कल शाम 5 बजे के आसपास घटनास्थल से ब्लैक बॉक्स बरामद किया
गया है। एएआईबी टीम का मानना है कि ब्लैक बॉक्स की यह डिकोडिंग इस बात की गहराई से
जानकारी देगी कि दुर्घटना की प्रक्रिया के दौरान या दुर्घटना से पहले वास्तव में क्या हुआ होगा। हम
इस बात का भी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि एएआईबी द्वारा पूरी जांच के बाद क्या परिणाम या
रिपोर्ट सामने आएगी।”
नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा कि अहमदाबाद विमान दुर्घटना की जांच समग्रता से की जाएगी ताकि
इसे लेकर उठ रहे हर तरह के सवाल का जवाब मिल सके। उन्होंने कहा, “घटना की आगे की जांच
करने और इस घटना के इर्द-गिर्द घूम रहे सभी सिद्धांतों और अन्य सूचनाओं को देखने के लिए, हमें
लगा कि इस दुर्घटना और सुरक्षा की जांच करने के लिए एक और समिति का होना बेहतर होगा। हम
एक और उच्चस्तरीय समिति बनाने जा रहे हैं, और हमने तुरंत समिति का गठन कर दिया है।
केन्द्रीय गृह सचिव समिति के अध्यक्ष होंगे तथा नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव, गृह मंत्रालय के
अतिरिक्त सचिव, गुजरात राज्य से एक प्रतिनिधि जहां वास्तव में घटना हुई, गुजरात राज्य आपदा
प्रतिक्रिया प्राधिकरण के प्रतिनिधि, अहमदाबाद पुलिस आयुक्त, भारतीय वायु सेना में निरीक्षण एवं
सुरक्षा के महानिदेशक, नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के महानिदेशक, नागर विमानन
महानिदेशक, खुफिया ब्यूरो (आईबी) से विशेष निदेशक और फोरेंसिक विज्ञान सेवा निदेशालय के
निदेशक इस समिति के सदस्य होंगे।”
नायडु ने कहा, “उच्च स्तरीय समिति की संरचना में विभिन्न पृष्ठभूमि के लोग शामिल हैं और
हमें लगता है कि वे समिति में बहुत उच्च विशेषज्ञता पूर्ण निष्कर्ष ला सकते हैं जो घटना की समग्र
तरीके से जांच करने जा रही है। और हमने उनके लिए 3 महीने की समय सीमा तय की है ताकि वे
उनकी जांच के अनुसार विभिन्न पक्षों से बात कर सकें और आवश्यक होने पर किसी अन्य महत्वपूर्ण
विशेषज्ञ को शामिल करके उनसे चर्चा कर सकें।”
उ
न्होंने कहा, “हमारे देश में सुरक्षा के बहुत सख्त मानक हैं जिसका विदेशी एजेंसियां भी बार बार
उल्लेख करती रही हैं, फिर भी यह दुखद दुर्घटना हुई है। जब यह घटना घटी, तो हमें भी लगा कि
बोइंग 787 सीरीज की विस्तृत जांच करने की जरूरत है। डीजीसीए ने भी 787 विमानों की विस्तृत
जांच करने का आदेश दिया है। आज हमारे भारतीय विमान बेड़े में इस श्रेणी के 34 विमान हैं। मेरी
जानकारी के अनुसार अब तक 8 विमानों की जांच हो चुकी है और बाकी सभी विमानों की जांच भी
शीघ्रातिशीघ्र की जाएगी।”
नागर विमानन मंत्री ने कहा, “अपनी जान गंवाने वाले लोगों की कहानियां देखना बहुत ही दुखद है।
हमने एयर इंडिया को निर्देश दिया है कि वह यात्रियों के परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करे।
एक तरफ डीएनए परीक्षण भी हो रहा है ताकि शवों की पहचान की जा सके और उन्हें संबंधित
परिवारों को दिया जा सके। गुजरात सरकार इसके साथ समन्वय कर रही है। डीएनए परीक्षण की
पुष्टि होने के बाद शवों को संबंधित परिवारों को दिया जाएगा और हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह
प्रक्रिया भी जल्द से जल्द पूरी हो जाएगी, लेकिन दस्तावेज़ीकरण और प्रक्रिया का पालन किया जाना
चाहिए। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रक्रिया या प्रोटोकॉल में कोई चूक न हो।”