नई दिल्ली, 22 दिसंबर । दिल्ली के द्वारका जिले के मोहन गार्डन थाना क्षेत्र में शनिवार
रात सिलेंडर ब्लास्ट से अफरा-तफरी मच गई। दिल्ली पुलिस के एक जवान की सूझबूझ और अदम्य
साहस ने 16 परिवारों की जान बचा ली। बिना अपनी जान की परवाह किए कांस्टेबल ने जलते
सिलेंडर को खुद बाहर निकालकर आग पर काबू पाया और एक बड़े हादसे को टाल दिया।
द्वारका जिले के पुलिस उपायुक्त अंकित सिंह ने सोमवार को बताया कि घटना 20 दिसंबर की रात
करीब 9:39 बजे की है, जब मोहन गार्डन थाना क्षेत्र की एक चार मंजिला इमारत में रसोई गैस
सिलेंडर फटने की सूचना पीसीआर के जरिए मिली। सूचना मिलते ही इंस्पेक्टर मुकेश अंतिल तुरंत
टीम के साथ मौके पर पहुंचे। इसी दौरान बीट ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल अनिल सबसे पहले मौके
पर पहुंच गए। इमारत की एक मंजिल पर रसोई में आग की लपटें उठ रही थीं और सिलेंडर जल रहा
था। हालात की गंभीरता को भांपते हुए कांस्टेबल ने बिना देर किए अकेले ही जलते सिलेंडर को रसोई
से बाहर निकाला और आग बुझा दी।
पुलिस उपायुक्त के अनुसार इस इमारत में 16 परिवार रहते हैं। आग लगने की स्थिति में सभी को
तुरंत बाहर निकाल पाना संभव नहीं था। ऐसे में कांस्टेबल अनिल की त्वरित कार्रवाई से बड़ा विस्फोट
और जनहानि टल गई। कुछ ही देर बाद दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू
पाया। पुलिस अधिकारियों ने कांस्टेबल अनिल के इस साहसिक कदम की सराहना करते हुए कहा कि
उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर कई जिंदगियों को बचाया है। यह घटना दिल्ली पुलिस के
जज्बे, प्रतिबद्धता और कर्तव्यनिष्ठा का जीता-जागता उदाहरण है।

