Saturday, December 27, 2025
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दिल्ली में मंगलवार को होगा ‘वंदे मातृशक्ति महोत्सव’ का आयोजन

नई दिल्ली, 27 दिसंबर । देश में मातृत्व के गौरव, संस्कार और मातृभूमि के प्रति समर्पण
की भावना को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से मंगलवार, 30 दिसंबर को दिल्ली के डॉ. आंबेडकर
इंटरनेशनल सेंटर में ‘वंदे मातृशक्ति दीन’ महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन श्री
गणेश सेवा मंडल दिल्ली, लक्ष्मीनगर एवं रूपामाता फाउंडेशन, धाराशिव के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न होगा।

आयोजकों के अनुसार वंदे मातृशक्ति माता पूजन दिवस केवल एक सांस्कृतिक या धार्मिक आयोजन
नहीं बल्कि भारतीय समाज में मातृत्व के महत्व, त्याग और संस्कारों की पुनर्स्थापना का एक राष्ट्रीय
अभियान है। इस अवसर पर देशभर की उन माताओं को एक मंच पर सम्मानित किया जाएगा,
जिन्होंने परिवार, समाज, शिक्षा, संस्कृति और राष्ट्रहित के लिए अपना जीवन समर्पित किया है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा विजया रहाटकर करेंगी। मुख्य अतिथि के
रूप में उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश ज्ञानसुधा मिश्रा उपस्थित रहेंगी। वहीं, प्रमुख अतिथियों
में श्रीमद् जगद्गुरु स्वामी राजेंद्रदास देवाचार्य महाराज, पतंजलि योगपीठ के स्वामी रामदेव, अहिंसा
विश्व भारती के संस्थापक अध्यक्ष आचार्य डॉ. लोकेश मुनी तथा दिल्ली के स्पेशल कमिश्नर ऑफ
पुलिस अजय चौधरी शामिल होंगे।

कार्यक्रम के संयोजकों में श्री गणेश सेवा मंडल दिल्ली के संस्थापक अध्यक्ष महेंद्र लड्डा, रूपामाता
फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष एडवोकेट व्यंकट विश्वनाथ गुंड पाटील तथा शास्त्रज्ञ एवं ‘स्किल बुक’
के जनक डॉ. किरण झरकर शामिल हैं। आयोजन की संकल्पना, समन्वय और निर्माण में एडवोकेट
व्यंकट गुंड पाटील की विशेष भूमिका रही है।

इस अवसर पर ‘वंदे मातृशक्ति’ पुस्तक का लोकार्पण भी किया जाएगा, जिसके लेखक डॉ. किरण
झरकर हैं। यह पुस्तक देश के आदर्श नागरिकों को गढ़ने वाली माताओं के प्रेरणादायी जीवन पर
आधारित है। साथ ही, भक्तिमय सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा, जिसमें कालीचरण महाराज,
पुरुषोत्तम महाराज पाटील, विशाल महाराज खोले एवं सोपान सानप शास्त्री महाराज द्वारा भजन,
अभंग, पोवाड़ा और पारंपरिक प्रस्तुतियां दी जाएंगी।

आयोजकों का कहना है कि यह महोत्सव मातृत्व के त्याग, ममत्व और नैतिक शक्ति को राष्ट्रीय
स्तर पर सम्मान देने की एक सशक्त पहल है, जो समाज में संस्कारों और पारिवारिक मूल्यों को
और अधिक सुदृढ़ करेगी।

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