नई दिल्ली, 31 दिसंबर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को समाज सेवा और
कल्याणकारी सोच पर जोर देते हुए कहा कि केवल कल्याणकारी विचारों से ही हम समाज का सच्चा
हित कर सकते हैं। उन्होंने महाभारत से एक प्राचीन श्लोक का उदाहरण देते हुए देशवासियों को प्रेरित
किया। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पोस्ट में लिखा, कल्याणकारी विचारों से ही हम समाज का हित कर
सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने संस्कृत श्लोक का उद्धरण दिया: यथा यथा हि पुरुषः कल्याणे कुरुते
मनः। तथा तथाऽस्य सर्वार्थाः सिद्ध्यन्ते नात्र संशयः॥ -इसका अर्थ है कि जैसे-जैसे व्यक्ति अपने मन
को कल्याणकारी कार्यों में लगाता है, वैसे-वैसे उसके सभी कार्य और उद्देश्य सफल होते जाते हैं,
इसमें कोई संदेह नहीं है। प्रधानमंत्री ने इस श्लोक के माध्यम से बताया कि सकारात्मक और
समाजहितकारी सोच न केवल व्यक्तिगत सफलता दिलाती है, बल्कि पूरे समाज को मजबूत बनाती
है।

