नई दिल्ली, 21 अगस्त । ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने एक्सिओम-4 मिशन पर भारत
सरकार, इसरो और अपने साथियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने गुरुवार को कहा कि भारत आज भी
अंतरिक्ष से सबसे अच्छा दिखता है। वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसरो के चेयरमैन वी. नारायणन ने पिछले
10 सालों में हुई प्रगति और भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अंतरिक्ष क्षेत्र में विकास हुआ है। साथ ही, उन्होंने नासा-इसरो के
सहयोग और प्राइवेट कंपनियों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने बताया कि वे फाल्कॉन 9 व्हीकल के ऊपर उड़ान भर रहे थे। उन्होंने
कहा, ‘मैं भारत सरकार, इसरो और अपने सहयोगियों को धन्यवाद देना चाहता हूं… हम फाल्कॉन 9
व्हीकल के ऊपर उड़ रहे थे… क्रू ड्रैगन उन तीन वाहनों में से एक है जो इंसानों को अंतरिक्ष में ले जा
सकते हैं… इस मिशन में मेरी भूमिका मिशन पायलट की थी। क्रू ड्रैगन में चार सीटें हैं। मैं मिशन
पायलट था और मुझे कमांडर के साथ काम करना था और क्रू ड्रैगन के सिस्टम के साथ बातचीत
करनी थी। हमें उन प्रयोगों को करना था जो भारतीय शोधकर्ताओं ने बताए थे। एसटीईएम प्रदर्शन,
तस्वीरें और वीडियोग्राफ भी कैप्चर करने थे।’
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के चेयरमैन वी. नारायणन ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी
के आने के बाद दक्षिण एशियाई देशों के लिए सैटेलाइट बनाई गई। उन्होंने कहा, “…पीएम मोदी के
प्रधानमंत्री बनने के बाद, दक्षिण एशियाई सैटेलाइट का निर्माण, लॉन्च और दक्षिण एशियाई देशों को
दान कर दिया गया। उनके नेतृत्व में, हमने जी20 देशों के लिए जी20 सैटेलाइट भी बनाया है… 10
साल पहले, अंतरिक्ष क्षेत्र में हमारे पास केवल एक स्टार्टअप कंपनी थी। आज, अंतरिक्ष उद्योग में
हमारे पास 300 से अधिक स्टार्टअप हैं…।”
वी. नारायणन ने जीएसएलवी-एफ16 रॉकेट के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा, “…जीएसएलवी-
F16 रॉकेट ने 30 जुलाई को सबसे प्रतिष्ठित नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार को पूरी तरह से
स्थापित किया। यह जेपीएल नासा और इसरो द्वारा संयुक्त रूप से जारी किया गया एक सैटेलाइट
है। आज, सैटेलाइट पूरी तरह से सही है। अगले 2-3 महीनों में, हम अमेरिका के 6500 किलोग्राम के
कम्युनिकेशन सैटेलाइट को लॉन्च करेंगे, जिसे हमारे लॉन्च व्हीकल का उपयोग करके लॉन्च किया जाएगा।”
वी. नारायणन ने पिछले 10 सालों में हुई तरक्की के बारे में बताते हुए कहा, “…पिछले 10 वर्षों में,
प्रगति अभूतपूर्व और तेजी से हुई है। 2015 से 2025 तक पूरे किए गए मिशन 2005 से 2015 के
लगभग दोगुने हैं। पिछले 6 महीनों के दौरान, तीन महत्वपूर्ण मिशन पूरे किए गए हैं। आक्सियोम-4
मिशन एक प्रतिष्ठित मिशन है। पहले भारतीय को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन ले जाया गया और
सुरक्षित रूप से वापस लाया गया।

