मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमले के एक दिन बाद गृह मंत्रालय के आदेश पर हुई नियुक्ति
इस पद पर काम कर रहे एसबीके सिंह को हटाया
नई दिल्ली, 22 अगस्त । मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर बुधवार को उनके सिविल लाइंस स्थित
दफ्तर में जनसुनवाई के दौरान हमला होने के एक दिन बाद पुलिस आयुक्त एसबीके सिंह को हटा
दिया गया है। उन्होंने अतिरिक्त प्रभार के रूप में दिल्ली की कमान 21 दिन तक संभाली थी। गृह
मंत्रालय के आदेश पर उनके स्थान पर भारतीय पुलिस सेवा(आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी सतीश
गोलचा की तैनाती हुई है। शुक्रवार को उन्होंने दिल्ली पुलिस के 26वें आयुक्त का पद संभाल लिया।
अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर के 1992 बैच के अधिकारी
गोलचा सुबह 10 बजे जय सिंह रोड स्थित दिल्ली पुलिस मुख्यालय पहुंचे और 10.30 बजे दिल्ली
पुलिस मुख्यालय में प्रभार संभाला। इसके बाद उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इससे
पहले एसबीके सिंह शुक्रवार सुबह नौ बजे पुलिस मुख्यालय पहुंचे और दिल्ली पुलिस अधिकारियों के
साथ बैठक की। बताते चलें कि गृह मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को सतीश गोलचा की नियुक्ति का
आदेश जारी किया था। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर बुधवार को उनके सिविल लाइंस स्थित दफ्तर में
जनसुनवाई के दौरान हमला होने के एक दिन बाद गोलचा की पुलिस आयुक्त के पद पर नियुक्ति हुई।
हालांकि, अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह नियुक्ति हमले से संबंधित नहीं है। गोलचा का
कार्यकाल अप्रैल 2027 तक है। उन्हें उनके सख्त रुख और 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान
निर्णायक नेतृत्व के लिए जाना जाता है। उस समय वह कानून-व्यवस्था के विशेष पुलिस आयुक्त के
तौर पर तैनात थे। गोलचा के पूर्ववर्ती एसबीके सिंह, 1988 बैच के अधिकारी हैं। वह संभवत: सबसे
कम अवधि तक अतिरिक्त प्रभार के रूप में दिल्ली पुलिस आयुक्त रहे। उन्होंने संजय अरोड़ा के
सेवानिवृत्त होने के बाद एक अगस्त को पदभार संभाला था।
4 साल बाद एजीएमयूटी कैडर के अफसर ने संभाली कमान
बहरहाल, चार साल बाद दिल्ली पुलिस का मुखिया अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम-केंद्रशासित प्रदेश
कैडर का अफसर बनने जा रहा है। इससे पहले 27 जुलाई 2021 को बीएसएफ के डीजी रहे गुजरात
कैडर के राकेश अस्थाना को, जबकि 1 अगस्त 2022 से आईटीबीपी के तत्कालीन डीजी और
तमिलनाडु कैडर के संजय अरोड़ा को कमिश्नर बनाया गया था।
गोलचा का करियर और उपलब्धियां
सतीश गोलचा का पुलिस सेवा में लंबा और विविध अनुभव रहा है।
उन्होंने दिल्ली पुलिस में डीसीपी, ज्वाइंट सीपी, स्पेशल सीपी (लॉ एंड ऑर्डर), स्पेशल सीपी
(इंटेलिजेंस) जैसे अहम पदों पर काम किया है।
2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान वे विशेष पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) थे और उनकी
निर्णायक भूमिका की सराहना हुई थी।
वे 2022 से 2023 तक अरुणाचल प्रदेश के डीजीपी रहे।
इसके बाद उन्हें अप्रैल 2024 में तिहाड़ जेल का महानिदेशक बनाया गया था।
वे अपने सख्त अनुशासन और संवेदनशील मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई के लिए जाने जाते हैं।
एसबीके सिंह का सबसे छोटा कार्यकाल
1988 बैच के आईपीएस अधिकारी एसबीके सिंह ने 1 अगस्त को दिल्ली पुलिस आयुक्त का पदभार
संभाला था। वे पूर्व आयुक्त संजय अरोड़ा की सेवानिवृत्ति के बाद अंतरिम तौर पर नियुक्त किए गए
थे। लेकिन महज़ 21 दिनों में ही उन्हें हटा दिया गया। फिलहाल, उन्हें किसी नए पद की जिम्मेदारी नहीं दी गई है।
चार साल बाद एजीएमयूटी कैडर की वापसी
दिल्ली पुलिस का नेतृत्व लगभग चार साल बाद एजीएमयूटी कैडर के अफसर को मिला है।
जुलाई 2021 में गुजरात कैडर के राकेश अस्थाना को नियुक्त किया गया था।
अगस्त 2022 में तमिलनाडु कैडर के संजय अरोड़ा को यह जिम्मेदारी दी गई थी।
अब 2025 में एक बार फिर एजीएमयूटी कैडर के अफसर को दिल्ली पुलिस का प्रमुख बनाया गया है।

