नई दिल्ली, 02 नवंबर । दिल्ली में यमुना नदी के संरक्षण और शुद्धिकरण के उद्देश्य से
रविवार को वासुदेव घाट पर यमुनोत्सव का शुभारंभ भव्य जल यज्ञ के साथ हुआ। इस अवसर पर
राजधानी के विभिन्न हिस्सों से आई 501 महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में कलश यात्रा निकाली,
जिससे पूरा वासुदेव घाट “यमुना मइया की जय” के जयघोष से गुंजायमान हो उठा। कार्यक्रम का
उद्घाटन दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा, विधायक एवं यमुना सेवक राजकुमार भाटिया, यमुना
संसद के संयोजक रविशंकर तिवारी, यमुना पुत्र रंजीत पाठक (चतुर्वेदी) तथा नेशनल अकाली दल के
अध्यक्ष परमजीत सिंह पम्मा की उपस्थिति में हुआ।
वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुआ जल यज्ञ
कलश यात्रा के पश्चात यमुना तट पर यमुनोत्री से लाए गए पवित्र जल से जल यज्ञ का आयोजन
किया गया। यमुनोत्री और वृंदावन से आए वैदिक पंडितों ने मंगलाचरण के साथ यज्ञ की शुरुआत
की। इस दौरान सृष्टि सूक्त, पृथ्वी सूक्त, जल सूक्त, अग्नि सूक्त, औषधि सूक्त तथा शांति सूक्त
का वैदिक मंत्रोच्चार किया गया। इसके साथ ही आदि शंकराचार्य रचित यमुनाष्टक और वल्लभाचार्य
रचित यमुनाष्टक का सामूहिक पाठ हुआ। यज्ञ के उपरांत यमुना तट पर भव्य आरती और पुष्पांजलि
संपन्न हुई। यमुनोत्री और मथुरा से आए संतों ने यमुना स्तुति एवं क्षमा प्रार्थना के मंत्रों के माध्यम
से नदी माता से जनकल्याण और जल शुद्धि की प्रार्थना की।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बांधा समां
कार्यक्रम के दौरान व्रजवासी मंडल द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने श्रद्धालुओं को भावविभोर
कर दिया। इन प्रस्तुतियों में यमुना जी की व्यथा और प्रदूषण के प्रति जनजागरूकता का संदेश
प्रमुखता से दिखाई दिया। दोपहर में प्रसिद्ध कथावाचक अजय भाई जी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को
यमुना कथा सुनाई। उन्होंने यमुना जी की महिमा, पौराणिक महत्व तथा उनके साथ यमुनोत्री, मथुरा
और दिल्ली के आध्यात्मिक संबंधों को भावपूर्ण शब्दों में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि यमुना
दिल्ली की जीवनरेखा हैं, और उनकी अविरलता तथा निर्मलता बनाए रखना प्रत्येक नागरिक की
जिम्मेदारी है। कथा का समापन परम पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती की गरिमामयी उपस्थिति में
यमुना आरती के साथ हुआ।
आज होगा यमुना कॉन्क्लेव
यमुना संसद के संयोजक रविशंकर तिवारी ने बताया कि यमुनोत्सव के दूसरे दिन सोमवार को
“यमुना कॉन्क्लेव” का आयोजन होगा। इसमें देश के प्रमुख जल वैज्ञानिक, पर्यावरणविद और नीति
विशेषज्ञ भाग लेंगे। कॉन्क्लेव में यमुना नदी के शुद्धिकरण, जल पुनर्भरण और संरक्षण के वैज्ञानिक
एवं व्यवहारिक उपायों पर चर्चा की जाएगी। यमुनोत्सव का उद्देश्य न केवल नदी की पवित्रता की
पुनर्स्थापना है, बल्कि समाज में जल संरक्षण के प्रति जनजागरूकता और सामूहिक सहभागिता को
भी प्रोत्साहित करना है।

