नई दिल्ली, 04 नवंबर । दिल्ली सरकार में कला, संस्कृति एवं भाषा और पर्यटन मंत्री
कपिल मिश्रा और पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा की उपस्थिति में मंगलवार को दिल्ली
सचिवालय में गुरु तेग बहादुर के 350वें शहादत दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किए जाने वाले
कार्यक्रमों को लेकर बैठक हुई। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर के 350वें शहादत दिवस को श्रद्धा,
सेवा, त्याग और एकता के उत्सव के रूप में मनाया जाएगा।
बैठक में विभिन्न विभागों के बीच समन्वय, व्यवस्थाओं और कार्यक्रमों की रूपरेखा पर विस्तार से
चर्चा हुई। गुरु तेग बहादुर के जीवन, दर्शन और बलिदान को समर्पित अनेक सांस्कृतिक, धार्मिक और
जनसहभागिता से जुड़े कार्यक्रम दिल्ली के विभिन्न स्थलों पर आयोजित किए जाएं।
कपिल मिश्रा ने कहा कि गुरु तेग बहादुर का त्याग केवल एक धर्म या समुदाय के लिए नहीं, बल्कि
पूरी मानवता के लिए था। उन्होंने कहा कि दिल्ली उस ऐतिहासिक घटना की गवाह है जहां गुरु तेग
बहादुर ने अपने प्राणों की आहुति देकर धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा की। उन्होंने कहा कि दिल्ली
सरकार का लक्ष्य है कि हर नागरिक गुरु के आदर्शों से प्रेरणा ले और समाज में सहिष्णुता, प्रेम और
सेवा की भावना को सशक्त बनाए।
कपिल मिश्रा ने कहा कि गुरु तेग बहादुर का जीवन साहस, करुणा, त्याग, बलिदान और समर्पण की
प्रेरणा देता है। दिल्ली सरकार इस अवसर को केवल धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि मानवता, एकता
और सेवा की भावना के प्रतीक के रूप में मनाएगी।
मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि यह आयोजन केवल श्रद्धांजलि नहीं बल्कि गुरु तेग बहादुर
के विचारों को वैश्विक स्तर पर प्रसारित करने का माध्यम बनेगा। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार भी
इस आयोजन में सहयोग कर रही है ताकि इसे और अधिक प्रभावी और प्रेरणादायक रूप दिया जा सके।
सिरसा ने कहा कि मुख्य कार्यक्रमों के आयोजन हेतु दिल्ली में स्थित ऐतिहासिक लाल किले में तीन
लॉन चुने गए हैं, जहां विशाल कीर्तन दरबार आयोजित होगा। श्रद्धालुओं के लिए लंगर सेवा की
समुचित व्यवस्था की जाएगी और रामलीला मैदान में टेंट सिटी स्थापित की जाएगी, जिसमें ठहरने
और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।
उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर के जीवन और प्रेरक संदेशों को आमजन तक पहुंचाने के लिए एक
अस्थायी संग्रहालय भी स्थापित किया जाएगा, जिसमें दुर्लभ चित्र, ऐतिहासिक दस्तावेज और प्रदर्शन
सामग्री शामिल होगी।
मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि आयोजन को लेकर जन-संवेदनात्मक प्रचार अभियान भी चलाया
जाएगा, जिसके तहत दिल्ली के प्रमुख सार्वजनिक स्थलों, परिवहन केंद्रों और डिजिटल माध्यमों पर
प्रचार सामग्री प्रदर्शित की जाएगी, ताकि हर नागरिक इस ऐतिहासिक अवसर से जुड़ सके। बैठक में
पंजाबी अकादमी, कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग, पर्यटन विभाग, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक
समिति और अन्य संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

