नई दिल्ली, 04 नवंबर । दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की स्थायी समिति की अध्यक्ष
सत्या शर्मा ने मंगलवार को गाजीपुर लैंडफिल साइट का निरीक्षण किया और वहां चल रहे
बायोमाइनिंग एवं कूड़ा निस्तारण कार्य की प्रगति की समीक्षा की।
सत्या शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कूड़े के पहाड़ की ऊंचाई कम करने के लिए अतिरिक्त
मशीनें लगाई जाएं और नवीनतम तकनीक एवं आधुनिक मशीनों का प्रयोग कर बायोमाइनिंग कार्य
को और तेज किया जाए।
शर्मा ने बताया कि गाजीपुर सेनेटरी लैंडफिल साइट पर बायोमाइनिंग का कार्य दूसरे चरण में जारी
है। यह चरण पूर्ण होते ही तीसरे चरण का कार्य प्रारंभ किया जाएगा। इस संबंध में योजना तैयार कर
ली गई है और शीघ्र ही इसके लिए टेंडर जारी किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि गाजीपुर लैंडफिल
साइट पर एक नया वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट स्थापित किया जाएगा, जिससे कूड़ा निस्तारण के साथ-साथ
ऊर्जा उत्पादन भी संभव होगा।
शर्मा ने कहा कि दिल्ली सरकार के नेतृत्व में साल 2027 के अंत तक गाजीपुर के कूड़े के पहाड़ को
पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। यह दिल्ली की स्वच्छता एवं पर्यावरण सुधार की दिशा में एक
ऐतिहासिक कदम साबित होगा।
उन्होंने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले छह महीनों में भाजपा सरकार ने
बिना किसी शोर-शराबे के धरातल पर कार्य किया है। पिछली सरकार ने केवल वादों और दिखावे तक
ही खुद को सीमित रखा था। निरंतर और परिणामोन्मुख प्रयासों से निगम अपने लक्ष्य को समय से
पहले प्राप्त करेंगा।
शर्मा ने बताया कि वे अगले महीने पुनः गाजीपुर लैंडफिल साइट का निरीक्षण करेंगी ताकि कार्य की
प्रगति का मूल्यांकन किया जा सके और निर्धारित समय सीमा का पालन सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा
कि दिल्ली नगर निगम की भाजपा सरकार का संकल्प है कि दिल्ली के सभी लैंडफिल स्थलों को पूरी
तरह समाप्त किया जाए और राजधानी को स्वच्छ, हरित और प्रदूषणमुक्त बनाया जाए।
निरीक्षण के दौरान अतिरिक्त आयुक्त लीलाधर मेघवाल, शाहदरा (दक्षिणी) जोन के अध्यक्ष राम
किशोर शर्मा, क्षेत्रीय उपायुक्त बादल कुमार सहित निगम के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

