नई दिल्ली, 15 नवंबर । प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में आयोजित 44वें अंतरराष्ट्रीय
व्यापार मेले में शनिवार को काफी संख्या में लोग पहुंचे। इस दौरान यहां कड़ी सुरक्षा देखने को
मिली। 18 नवंबर तक बिजनेस डेज हैं। आम लोगों का प्रवेश 19 नवंबर से शुरू होगा। इसके बावजूद
लोग बिजनेस डेज की टिकट खरीदकर परिवार के साथ मेले में पहुंच रहे हैं। शनिवार को सप्ताहांत के
पहले दिन दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग हिस्सों से काफी संख्या में लोग मेले को देखने पहुंचे।
मेले में विभिन्न राज्यों से आईं महिला शिल्पकारों की कलाकृतियां लोगों की पहली पसंद बनी हुई हैं।
लोग इन वस्तुओं की जमकर खरीदारी कर रहे हैं।
भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) के अधिकारियों के अनुसार शनिवार को शाम पांच बजे
तक मेले में लगभग 20 हजार लोग पहुंचे। लोगों में मेले को देखने और शिल्पकारों व अन्य साजो-
सामान को खरीदने का उत्साह खूब नजर आ रहा है। राजस्थान, उत्तराखंड, झारखंड, बिहार राज्य के
पवेलियन में राज्य की पारंपरिक सांस्कृतिक धरोहर की झलक नजर आ रही है। राज्यों के पर्यटन
स्थलों को व्यापार मेले में बढ़ावा दिया जा रहा है। थाईलैंड के आकर्षक लैंप लुभा रहे हॉल नंबर एक
के भू-तल पर बिहार राज्य का पवेलियन है। यह मेले में सहयोगी राज्य है। इस हॉल में विभिन्न देशों
के पवेलियन स्थित हैं। इसमें थाईलैंड, यूएई, मलेशिया, स्वीडन, तुर्किए, चीन, ईरान, दक्षिण कोरिया,
मिस्त्र, लेबानन, तुनिशिया शामिल हैं।
थाईलैंड के पवेलियन में आकर्षक लैंप में लोगों की दिलचस्पी खूब नजर आ रही हैं। शनिवार को मेले
में आईं अनु मखीजा ने बताया कि मैं बीते 15 वर्षों से मेले में आ रही हूं। थाईलैंड के पवेलियन में
कई किस्म के लैंप मिल रहे हैं। मैंने अपने घर के लिए और दोस्तों को गिफ्ट देने के लिए कई लैंप
खरीदे हैं। 31 राज्यों के शिल्पकारों के सामान छाए भारत मंडपम के हॉल नंबर 8, 9 और 10 में
सरस आजीविका मेले में 31 राज्यों की शिल्पकारों ने कई वस्तुओं को प्रदर्शित किया है। आंध्र प्रदेश
के गुंटुर जिले से आई वेमुरी वेंकेंट लक्ष्मी ने बताया कि हाथों से तैयार कई तरह के स्नैक्स और
अन्य वस्तुओं को प्रदर्शित कर रहे हैं। केरल के पालाक्काड जिले के स्वयं सहायता समूह (एसएचजी)
से जुड़ी महिलाएं कई सामान लेकर मेले में आई हैं।

