Saturday, December 6, 2025
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeकारोबारमध्य पूर्व में तनाव के कारण भारत में ईंधन की कमी नहीं...

मध्य पूर्व में तनाव के कारण भारत में ईंधन की कमी नहीं होगी : हरदीप पुरी

नई दिल्ली, 23 जून । केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने
इजरायल-ईरान युद्ध के कारण भारतीय उपभोक्ताओं को तेल आपूर्ति में किसी भी तरह की बाधा
आने और ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिका द्वारा बमबारी के कारण मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक
तनाव में वृद्धि की आशंकाओं को दूर किया।

केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “हम पिछले दो सप्ताह से
मध्य पूर्व में बढ़ रही भू-राजनीतिक स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के
नेतृत्व में हम पिछले कुछ वर्षों में अपनी आपूर्ति में विविधता लाए हैं और अब हमारी आपूर्ति का
एक बड़ा हिस्सा होर्मुज जलडमरूमध्य से नहीं आता है।”

उन्होंने बताया कि देश की तेल विपणन कंपनियों (इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान
पेट्रोलियम) के पास कई सप्ताह के लिए आपूर्ति है और उन्हें कई मार्गों से ऊर्जा आपूर्ति मिलती रहती है।
केंद्रीय मंत्री पुरी ने आश्वासन दिया, “हम अपने नागरिकों को ईंधन की आपूर्ति की स्थिरता
सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।”

ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य/फारस की खाड़ी के उत्तरी किनारे पर स्थित है, जिसके माध्यम से सऊदी
अरब और यूएई जैसे प्रमुख निर्यातक देशों से प्रतिदिन 20 मिलियन बैरल तेल का प्रवाह होता है।

ईरान ने धमकी दी थी कि अगर अमेरिका, इजरायल के साथ संघर्ष में हस्तक्षेप करता है, तो वह इस
मार्ग को अवरुद्ध कर देगा।

मध्य पूर्व में व्यापक संघर्ष का सऊदी अरब, इराक, कुवैत और यूएई से तेल आपूर्ति पर प्रभाव पड़ने
की उम्मीद है, जिससे तेल की कीमतों में तेज उछाल आएगा।
शिपिंग भी प्रभावित होने की आशंका है क्योंकि यमन के हूती विद्रोहियों ने पहले ही चेतावनी दी है
कि अगर अमेरिका ने ईरान पर हमला किया, तो वे अमेरिकी जहाजों पर अपने हमले फिर से शुरू कर देंगे।

भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरत का लगभग 85 प्रतिशत आयात करता है और तेल की कीमतों में
उछाल से उसके तेल आयात बिल में वृद्धि होती है और मुद्रास्फीति की दर बढ़ जाती है, जो आर्थिक
विकास को नुकसान पहुंचाती है। विदेशी मुद्रा के बड़े व्यय से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए में भी
कमजोरी आती है।

हालांकि, भारत, रूस के साथ-साथ अमेरिका से आयात बढ़ाकर और रणनीतिक भंडार के माध्यम से
मजबूती बनाकर अपने तेल स्रोतों में विविधता लाया है।
तेल और गैस क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय मंत्री पुरी ने पहले कहा
था कि देश में अब 23 आधुनिक परिचालन रिफाइनरियां हैं, जिनकी कुल क्षमता 257 मिलियन
मीट्रिक टन प्रति वर्ष है, जिससे पेट्रोलियम उत्पादों का उत्पादन किया जा सकता है।

केंद्रीय मंत्री ने रणनीतिक पेट्रोलियम भंडारों के लिए भंडारण सुविधाएं स्थापित करने में मंत्रालय की
पहल पर भी प्रकाश डाला, जिनका देश आपातकाल के समय में सहारा ले सकता है और जो भू-
राजनीतिक अनिश्चितता के समय में महत्वपूर्ण हो जाते हैं। इन भंडारों का उपयोग ऐसे समय में भी
किया जा सकता है, जब वैश्विक कीमतें आसमान छूती हैं, ताकि राष्ट्रीय तेल कंपनियों को राहत मिल सके।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments