Saturday, December 6, 2025
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जेपी नड्डा ने बलिदान दिवस पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी को दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली, 23 जून। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को डॉ. श्यामा
प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर पार्टी मुख्यालय में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। नड्डा ने कहा

कि आज पूरे देश में भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा डॉ. मुखर्जी जी की 72वीं पुण्यतिथि पर उनकी
याद में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
नड्डा ने कहा कि डॉ. मुखर्जी का जन्म बंगाल में हुआ और उनका बहुत बड़ा योगदान आजादी में

और वर्तमान पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, असम को भारत का हिस्सा बनाने में है। डॉ. मुखर्जी
बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। वो एक स्कॉलर थे, 33 वर्ष की आयु में वो कलकत्ता यूनिवर्सिटी के
वाइस चांसलर बने। जनसेवा और राष्ट्रोत्थान के उनके विचार एवं कार्य हम सभी देशवासियों के लिए सदैव प्रेरणा का स्रोत हैं।

डॉ. मुखर्जी जम्मू-कश्मीर और पश्चिम बंगाल को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाये रखने के लिए
वैचारिक और राजनीतिक रूप से आजीवन संघर्षरत रहे। देश में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की लौ को
चलायमान रखने के लिए उन्होंने जनसंघ के रूप में नया विचार प्रस्तुत किया। बाद में वो विधानसभा

पहुंचे और विधानसभा में उन्होंने उस समय के यूनाइटेड बंगाल की सेवा की। डॉ. मुखर्जी आजादी के
बाद पंडित नेहरू की कैबिनेट में मंत्री रहे। वैचारिक मतभेद और पंडित नेहरू की तुष्टीकरण की नीति
के कारण उन्होंने इस्तीफा दे दिया। डॉ. मुखर्जी भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक थे।

इसके बाद तुष्टीकरण की नीति के कारण जम्मू-कश्मीर को जो स्पेशल स्टेटस दिया गया था, उसका
उन्होंने विरोध किया। विरोध करते हुए उन्होंने नारा दिया कि एक देश में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं चलेंगे।
इस कारण से देश में एक आंदोलन चला। इस आंदोलन के दौरान डॉ. मुखर्जी ने बिना किसी परमिट

के 11 मई को जम्मू-कश्मीर की ओर प्रस्थान किया। उनको जम्मू-कश्मीर के बॉर्डर पर गिरफ्तार कर
लिया गया। उसके बाद उनको श्रीनगर की जेल में रखा गया, जहां 23 जून 1953 को रहस्यमय
तरीके से उनकी मृत्यु हो गई। उस समय भारतीय जनसंघ बहुत छोटा था, लेकिन हम लोगों ने

आवाज उठाई। विपक्ष की तरफ से भी इसकी जांच की मांग की गई, लेकिन इस मांग को अनसुना कर दिया गया।
नड्डा ने कहा कि भाजपा के एक-एक कार्यकर्ता को आज खुशी होती है कि 6 अगस्त 2019 को मोदी
सरकार ने अनुच्छेद 370 को धराशायी कर दिया। उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि

यही है कि हम सब लोग एक देश में एक निशान के नीचे और एक विधान में काम कर रहे हैं और
अनुच्छेद 370 समाप्त हो गया है। आज सब लोग प्रण लें कि जिस तरीके से डॉ. मुखर्जी की
रहस्यमय मौत हुई, भाजपा और मोदी जी के नेतृत्व में देश इतना शक्तिशाली और मजबूत बने की
इस तरह की घटना दोबारा न हो और प्रजातंत्र मजबूत रहे।

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