कैथल, 21 जुलाई। श्री गीता भवन मंदिर सभा एक विशेष बैठक सभा के प्रधान कैलाश भगत की अध्यक्षता में श्री गीता भवन मंदिर परिसर में संपन्न हुई। इस बैठक की विशेष बात यह रही कि जहां पुरुष आजीवन सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित रहे, वहीं पहली बार शामिल हुईं महिला आजीवन सदस्य भी उल्लेखनीय संख्या में मौजूद रहीं। सभा के सचिव नरेन्द्र निझावन ने सभी उपस्थित सदस्यों का स्वागत करते हुए बैठक की कार्यवाही शुरू की। उन्होंने श्री गीता भवन द्वारा गठित नई कार्यकारिणी के बारे में विस्तार से
जानकारी दी और यह भी बताया कि हाल ही में पुरुषों के साथ-साथ महिला सदस्यों को भी आजीवन सदस्यता प्रदान की गई है।
इस अवसर पर श्री निझावन ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा, जिसमें प्रधान कैलाश भगत को कार्यकारिणी के गठन एवं सभा से जुड़े निर्णयों के लिए पूर्ण अधिकार प्रदान करने की मांग की गई। यह प्रस्ताव सभा की उन्नति, बेहतर संचालन तथा विकासात्मक कार्यों को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया था।
सभी उपस्थित आजीवन सदस्यों ने इस प्रस्ताव पर सर्वसम्मति से सहमति व्यक्त की और स्वागत करते हुए इसे पारित किया। साथ ही, सभा में शामिल किए गए नए पुरुष व महिला सदस्यों और कार्यकारिणी के गठन पर भी सर्वसम्मति से सहमति दी गई। भविष्य में कार्यकारिणी के विस्तार तथा सभा की प्रगति के लिए आवश्यक निर्णय लेने हेतु प्रधान को अधिकृत करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया। सभा को संबोधित करते हुए प्रधान कैलाश भगत ने बताया कि गीता भवन में श्रद्धालुओं के लिए एक भव्य मंदिर का निर्माण कार्य प्रगति पर है। साथ ही, निर्माणाधीन अस्पताल में जरूरतमंद लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। उनका कहना था कि गीता भवन का उद्देश्य समाज सेवा है और यह मंदिर परिसर न केवल आध्यात्मिक बल्कि सामाजिक एवं चिकित्सा क्षेत्र में भी लोगों की सेवा करता रहेगा। श्री गीता भवन मंदिर सभा के प्रधान
प्रधान कैलाश भगत ने बताया कि
कैलाश भगत जी ने बताया कि श्री गीता भवन न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि सामाजिक और जन कल्याणकारी गतिविधियों का केंद्र भी बनता जा रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनने जा रहा भव्य मंदिर तीव्र गति से निर्माणाधीन है, और शीघ्र ही इसकी दिव्यता एवं विशालता श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष अनुभव का माध्यम बनेगी।
प्रधान
भगत ने कहा कि श्री गीता भवन सिर्फ ईंट-पत्थरों का ढांचा नहीं है, बल्कि यह सेवा, समर्पण और सद्भाव का प्रतीक है। यही कारण है कि मंदिर परिसर में एक अत्याधुनिक अस्पताल का निर्माण भी किया जा रहा है, जिसमें समाज के जरूरतमंद वर्ग को सस्ती, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने बताया कि अस्पताल निर्माण के लिए बेहतर चिकित्सा उपकरण, अनुभवी डॉक्टरों की टीम और जनहितकारी योजनाओं को शामिल करते हुए योजनाएं बनाई जा रही हैं। यह अस्पताल केवल कैथल शहर ही नहीं, बल्कि आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को भी लाभान्वित करेगा, जो आर्थिक या भौगोलिक कारणों से इलाज से वंचित रह जाते हैं। प्रधान
प्रधान भगत
ने बताया कि इस सेवा भाव को साकार करने के लिए समाज के विभिन्न वर्गों से सहयोग प्राप्त हो रहा है। दानदाताओं, स्वयंसेवकों एवं स्थानीय जनता की भागीदारी से गीता भवन का यह मिशन नई ऊंचाइयों को छू रहा है।उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में श्री गीता भवन मंदिर परिसर एक ऐसा स्थान बनकर उभरेगा, जहां श्रद्धा और सेवा दोनों का संगम होगा। “हमारा उद्देश्य केवल धार्मिक कार्यों तक सीमित नहीं, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्वों का भी निर्वहन करना है। गीता भवन एक ऐसा मंच बन रहा है जहां धर्म, सेवा और विकास एक साथ चलते हैं,” उन्होंने कहा। श्री गीता भवन सभा की यह पहल न केवल धार्मिक श्रद्धा का केंद्र बनेगी, बल्कि सामाजिक सरोकारों में भी एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करेगी। बैठक में सभी सदस्यों ने एकजुट
होकर संस्था के भावी कार्यों में पूर्ण सहयोग देने का संकल्प लिया।इस अवसर पर सुधीर मेहता,सुभाष नारंग, राजेन्द्र खुराना,राम किशन डिगानी,कृष्ण नारंग इन्द्रजीत सरदाना, राजकुमार मुखीजा, नरेन्द्र निझावन,रमेश सचदेवा,सतपाल चुग, सुषम कपूर,रजत थरेजा,हर्ष नारंग,विवेक मलिक,सतीश राजपाल,डॉ.प्रदीप शर्मा,सुमित अरोड़ा, और,अनिल गुलाटी,सुरेश अलावादी,सतपाल भ्याना,मनोज दुआ,राजन भगत,सुभाष कथूरिया, सुरेंदर कत्याल,नीरज मक्कड़,प्रदर्शन परूथी,संजय सेतिया,मनोज खुराना,सुनील खुराना,ईशा मेहता,श्वेता हुरिया,रंजू मरवाह, हनिका थरेजा आदि मौजूद थे।

