डीसी प्रीति ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत ली जिला कार्यान्वयन समिति की बैठक–संबंधित अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
कैथल, 23 जुलाई। डीसी प्रीति ने कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका पात्र व्यक्तियों तक समयबद्ध लाभ पहुंचे। इसके लिए सभी अधिकारी निर्धारित मापदंड अनुसार कार्य करना सुनिश्चित करें। यदि कोई लंबित आवेदन है, जिसका सत्यापन लंबित है, उस कार्य को जल्द पूरा करें। इस योजना का उद्देश्य कारीगरों व शिल्पकारों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करना है।
डीसी प्रीति बुधवार को लघु सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत जिला कार्यान्वयन समिति की बैठक के दौरान अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रही थी। उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्र में किसी भी आवेदन की वेरिफिकेशन लंबित नहीं है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 20 आवेदनों की वेरिफिकेशन लंबित है। संबंधित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी को निर्देश जारी करते हुए कहा कि कैथल व राजौंद में 1-1, ढांड में 4, पूंडरी में 2, गुहला में 9, सीवन में 3 आवेदन की वेरिफिकेशन
लंबित है। सरपंचों के माध्यम से इन लंबित आवेदनों के वेरिफिकेशन कार्य को जल्द पूरा करवाएं। उन्होंने एलडीएम कार्यालय को निर्देश दिए कि बैंकिंग द्वारा अदायगी प्रक्रिया में 50 आवेदन तथा स्वीकृति के लिए 116 आवेदन लंबित हैं, इन सभी पर निर्धारित मापदंड अनुसार कार्रवाई करते हुए एक सप्ताह में पात्र व्यक्तियों को लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने एमएसएमई विभाग के अधिकारियों को कहा कि वे समय-समय पर अपडेट एजैंडें अनुसार बैठक करवाएं।
एमएसएमई विभाग से उप निदेशक डॉ. कपिल मित्तल ने बताया कि कारीगर पीएम विश्वकर्मा योजना का लाभ लेने के लिए https://pmvishwakarma.gov.in पर अपना पंजीकरण करने के लिए अपने नजदीकी कॉमन सर्विस केंद्र से संपर्क करें। इस योजना में सर्टिफिकेट, टुल किट खरीदने के लिए ई-वाउचर के रूप में 1 लाख 5 हजार रुपये का अनुदान, मुफ्त प्रशिक्षण जिसमें 500 रुपये प्रतिदिन भत्ते के साथ व मार्केटिंग स्पोर्ट तथा डिजिटल लेन देन के लिए प्रोत्साहन, जिसमें प्रति माह 100 ट्रांजेक्शन पर एक रुपया नकद
अनुदान प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि पात्र कारीगर में हथौड़ा, टुल किट निर्माता, राज मिस्त्री, टोकरी, चटाई, झाड़ू, निर्माता, कॉपर बुनकर, गुड़िया और खिलौना निर्माता, पारंपरिक ताला बनाने वाला, नाव निर्माता, नाई, धोबी, दर्जी, बढ़ई, माला निर्माता, मछली पकड़ने का जाल निर्माता, सुनार, कुम्हार, अस्त्रकार लोहार, मूर्तिकार, मोची, जूता कारीगर शामिल हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष व पिछले पांच वर्षों में पीएमईजीपी, पीएम स्वनिधि एवं मुद्रा योजना के तहत ऋण नहीं लिया होना चाहिए। इसके अलावा सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति और उनके परिवार के सदस्य योजना के तहत पात्र नहीं होंगे। अधिक जानकारी के लिए जींद रोड स्थित पंचायत भवन के द्वितीय तल पर कार्यालय उपनिदेशक एमएसएमई कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।
इस मौके पर एडीसी दीपक बाबू लाल करवा, उप निदेशक डॉ. कपिल मित्तल, डीडीपीओ कंवर दमन, बलदेव सिंह, मुकेश, सभी खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी व अन्य संबंधित अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

