कैथल । भारतीय किसान मजदूर यूनियन कमेरा वर्ग के प्रदेश अध्यक्ष महावीर चहल ने बताया कि सरकार साल दर साल खाद सब्सिडी कम करने का काम कर रही है। किसान धान की रोपाई के समय अपने खेत में होने की बजाय भूखे पेट कई कई घंटे डीएपी खाद लेने के लिए लाइनों में खड़ा रहता है। लेकिन सरकारी एजेंसी हैफेड खाद मुहैया न करवा कर किसानों की मजबूरी का फायदा उठाकर अपने न बिकने वाले उत्पाद बेचने पर अड़ी है। भाजपा की डबल इंजन सरकार में वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए खाद सब्सिडी 225000 करोड़ थी,
जबकि 2024-2025 में ये राशि 177000 करोड़ रह गई और 2025-2026 में घटकर 167000 करोड़ तक आ गई है, यह किसानों के साथ धोखा है। युवा प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र मागो माजरी ने कहा कि हैफेड 50 किलो डीएपी खाद की एक बोरी के साथ 1 किलो चाय पत्ती खरीदने की शर्त थोप रहा है। सरकार को किसान की तरफ ध्यान देना चाहिए। जिला अध्यक्ष
बलकार मलिक खुराना ने कहा कि किसानों के लिए खेती करना घाटे का सौदा बनता जा रहा है। सरकार को महंगाई को देखते हुए सब्सिडी घटाने की बजाय बढ़ानी चाहिए थी ताकि किसानों को समय पर खाद मिल सके। मौके पर कृष्ण मालखेड़ी, सुरेंद्र प्यौदा, डीसी चहल, बिन्दर गिल सिरटा, विक्रम चहल, जोगिंद्र कुंडू, सुरेश नरड़, जोरा भैनी माजरा आदि किसान मौजूद रहे।

