विधायक बोले – यह किसानों के साथ अन्याय नहीं, बल्कि खुला शोषण है, उठेगा सदन में मुद्दा
इंडिया गौरव, राहुल सीवन। गुहला हलके के सीवन ब्लॉक सहित विभिन्न सहकारी सेवा समितियों (पैक्स) में किसानों को यूरिया खाद के साथ जबरन 50 किलो चीनी का बैग खरीदने के लिए बाध्य किया जा रहा है। पहले चीनी लो, फिर खाद मिलेगी की तर्ज पर चलाई जा रही यह व्यवस्था किसानों की जेब पर दोहरी मार बनकर गिर रही है। इस जबरन बिक्री को लेकर किसानों में भारी रोष है और वे इसे सरकार की किसान विरोधी नीति बता रहे हैं।
इसी मुद्दे को लेकर हलका विधायक देवेंद्र हंस मंगलवार को ब्लॉक सीवन के गांव पाबसर पहुंचे, जहां उन्होंने किसानों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं और पूरे मामले को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को राहत देने की बजाय उन्हें अपमानित करने वाले फैसले थोप रही है। यह यूरिया नहीं, बल्कि किसानों की पीड़ा को बांधने का प्रयास है।
यूरिया खाद के बदले जबरन चीनी खरीदवाना किसानों का शोषण है। सरकार को शर्म आनी चाहिए कि वह ऐसे नजायज हथकंडों से किसानों की मजबूरी का फायदा उठा रही है।
विधायक ने कहा कि खेती पहले ही घाटे का सौदा बन चुकी है। महंगाई आसमान छू रही है—पेट्रोल, डीजल, कीटनाशक, बीज और खाद की कीमतें दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। किसान कर्ज में दबा हुआ है, फिर भी सरकार ऐसे फैसलों से उनकी पीठ में छुरा घोंप रही है।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने यह जबरन बिक्री व्यवस्था तुरंत बंद नहीं की और किसानों को बिना किसी शर्त के यूरिया खाद उपलब्ध नहीं करवाया, तो वे स्वयं किसानों के साथ मिलकर आंदोलन का बिगुल बजाएंगे। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को वे हरियाणा विधानसभा में उठाएंगे और संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय करवा कर रहेंगे।
गांव पाबसर में किसानों का फूटा गुस्सा, कहा – नहीं चाहिए ऐसी सरकार
कई ग्रामीणों व किसानों ने विधायक के समक्ष बताया कि यूरिया की आवश्यकता होने के बावजूद उन्हें पैक्स से खाद नहीं दी जाती, जब तक वे 50 किलो चीनी की बोरी नहीं खरीदते। यह न तो नियमों में है और न ही किसान की आवश्यकता में। ग्रामीणों ने इस नीति को खुला उत्पीड़न बताते हुए सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज करवाया।
विधायक ने दिया किसानों को भरोसा – मैं हूं आपके साथ, जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक चैन से नहीं बैठूंगा।
विधायक देवेंद्र हंस ने कहा कि वे किसानों के साथ खड़े हैं और हर स्तर पर उनकी लड़ाई मजबूती से लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों का अपमान सहन नहीं किया जाएगा। यह मुद्दा केवल खाद या चीनी का नहीं, बल्कि किसान की गरिमा और आत्मसम्मान का है। यदि सरकार ने इस पर जल्द संज्ञान नहीं लिया, तो जनआंदोलन होगा जिसकी जिम्मेदारी स्वयं सरकार की होगी

