सर्वसम्मति की संभावना भी गहराई





इंडिया गौरव, राहुल सीवन 13 जून।
सीवन नगर पालिका में वाइस चेयरमैन पद को लेकर इन दिनों राजनीति गलियारों में खासा हलचल देखने को मिल रही है। नगर के 16 वार्डों से चुने गए पार्षदों के बीच यह पद अब प्रतिष्ठा, प्रतिनिधित्व और प्रभाव का केंद्र बन गया है। हर तरफ यही चर्चा है कि आखिर किसके सिर सजेगा वाइस चेयरमैन का ताज?
प्रश्न यह भी उठता है कि क्या यह चुनाव संघर्षपूर्ण रहेगा या नगर की पारंपरिक एकता व सौहार्द की मिसाल कायम रखते हुए सर्वसम्मति से कोई प्रतिनिधि चुना जाएगा? चेयरपर्सन का पद इस बार महिला के लिए आरक्षित था, जिसे ओबीसी वर्ग की एक जागरूक महिला हेमलता सैनी ने भाजपा प्रत्याशी को हराकर संभाला है। नगर पालिका में कुल 16 पार्षद हैं, जिनमें 7 महिला और 9 पुरुष शामिल हैं। इन 16 में से 6 पार्षद अनुसूचित जाति से, 4 ओबीसी से और 6 सामान्य वर्ग से संबंध रखते हैं। वाइस चेयरमैन के लिए मतदान का अधिकार चेयरपर्सन सहित कुल 17 सदस्यों को प्राप्त है।
यद्यपि भाजपा चेयरपर्सन की कुर्सी नहीं जीत पाई, लेकिन क्या यह कहना गलत होगा कि नगर पालिका में अधिकांश पार्षद भाजपा विचारधारा से प्रभावित हैं? सूत्रों का यह भी दावा है कि भाजपा संगठन वाइस चेयरमैन पद को किसी भी सूरत में हाथ से नहीं जाने देना चाहता।
यह भी उल्लेखनीय है कि सभी पार्षदों ने अपनी व्यक्तिगत छवि, मिलनसार स्वभाव और क्षेत्रीय कार्यों के बल पर जनता का विश्वास अर्जित किया है। चाहे वे किसी भी पार्टी या वर्ग से हों, हर पार्षद अपनी योग्यता और जनसमर्पण के बूते निर्वाचित हुआ है।
नगर में यह चर्चा भी जोरों पर है कि यदि यह पद सामान्य वर्ग के खाते में आता है तो वार्ड नंबर 1 से पार्षद संजय कंसल सबसे मजबूत दावेदार हो सकते हैं। सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसा क्या है जो संजय कंसल को बाकी संभावित उम्मीदवारों से अलग बनाता है?
संजय कंसल श्री बाबा खाटू श्याम परिवार सीवन के प्रधान हैं और वर्षों से धार्मिक, सामाजिक एवं जनकल्याणकारी कार्यों में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। साधारण से दिखने वाले इस जनप्रतिनिधि की लोकप्रियता असाधारण मानी जाती है — उनकी मिलनसारता, संयमित व्यवहार और सेवा की भावना उन्हें जनता से आत्मिक रूप से जोड़ती है।
इसके अलावा वार्ड नंबर 13 से पार्षद विकास शर्मा भी एक मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे हैं। विकास शर्मा नगर की सामाजिक रचनात्मकता के स्तंभ बन चुके हैं? वे वर्षों से युवाओं के साथ मिलकर विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय रहे हैं, और उनकी स्थिर सोच तथा शांत व्यवहार उन्हें राजनीतिक संतुलन का प्रतीक बनाते हैं।
इसी कड़ी में वार्ड नंबर 12 से पार्षद मोंटी कामरा का नाम भी तेजी से उभर रहा है। क्या धार्मिक सोच और सेवा कार्यों से जुड़ाव किसी जनप्रतिनिधि को और अधिक स्वीकार्य बना सकता है? मोंटी कामरा श्री कृष्ण कृपा सेवा समिति के सक्रिय सदस्य हैं और नगर के धार्मिक आयोजनों, भंडारों तथा सेवा कार्यों में निरंतर भागीदारी निभा रहे हैं।
वार्ड नंबर 15 से जितेंद्र शर्मा भी अपनी मिलनसार छवि के लिए जाने जाते हैं। वे सामाजिक सौहार्द को बढ़ाने, लोगों के सुख-दुख में सहभागी बनने और विकास कार्यों में सक्रिय रहने के कारण चर्चा में हैं। उनकी सहजता और समर्पण उन्हें एक सहज और संतुलित चेहरा बनाते हैं।
वहीं अगर वाइस चेयरमैन का पद अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित होता है, तो श्री राम वाल्मीकि का नाम प्रमुखता से सामने आता है। वे भी वर्षों से भाजपा की सेवा कर रहे हैं और अपनी मिलनसार छवि के लिए जाने जाते हैं
अगर यह पद ओपन महिला के लिए जाता है तो वार्ड नंबर 16 से रेनू बाला प्रबल दावेदार हो सकती हैं। चूंकि चेयरपर्सन भी महिला हैं, ऐसे में यदि वाइस चेयरमैन पद भी रेनू बाला को मिलता है, तो चेयरपर्सन और वाइस चेयरमैन के पद पर दोनों महिलाओं की एक सशक्त और प्रेरणादायी जोड़ी सामने आ सकती है। बाकी सही तो उस दिन पता चलेगा जब प्रशासन वाइस चेयरमैन के चुनाव का दिन तय करेगा, सर्व